अन्न प्राशन sentence in Hindi
pronunciation: [ anen peraashen ]
Examples
- बच्चे को जन्म वाले (प्रसूति) गृह से चौथे मास में बाहर निकालना और छठे महीने में अन्न प्राशन (अन्न खिलाना) उचित हैं, अथवा जैसी कुल परम्परा हो वैसा ही करे।
- भक्षण के नाम पर जो अल्पाहार कराया जाता है... उसे ' अन्नप्राशन ' कहते हैं... न कि कुछ और.... अब अन्न प्राशन में कोई अन्न विशेष के नाम का उल्लेख नहीं हैं..
- इसी प्रकार से अन्न प्राशन अभियान में शिशु जन्म के 6 माह बाद माँ के साथ साथ बच्चों को पूरक आहार दिये जाने के स्तर को बडाया जायेगा ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके ।
- प्रदान नही होती राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की राय माने तो प्रत्येक महीने के हर मंगलवार को गोद भराई, अन्न प्राशन जन्मदिवस और किशोरी दिवस मनाने का प्रावधान है लेकिन अधिकारियों द्वारा राशि प्रदान नहीं की जाती है।
- वहीं पर बालक के जन्म के बाद सूतिका गृह में छठे दिन, इक्कीसवें दिन तथा आगे भी बालक के अन्न प्राशन एवं शुभ कार्यों के समय ‘ ऊं ह्री षष्ठीदेवयै स्वाहा ' (अष्टाक्षर मंत्र जप करते हुए षष्ठी-पूजन किया जाता है।
- अब मम्मा क्या करे माई (नानीजी) ने तो बताया था कि खाने कि शुरुवात “ अन्न प्राशन संस्कार ” से की जाती है इसे प्रतम भोज्य या बोटन भी कहते है और हमारे यहाँ तो यह मामा के हाथों होता है!!
- मंगल दिवस आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मंगल दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम मंगलवार को गर्भावस्था के सात माह पूर्ण करने वाली महिलाओं की गोद भराई, द्वितीय मंगलवार को 6 माह की आयु पूरा करने वाले बच्चों का अन्न प्राशन, तृतीय मंगलवार को बच्चों का जन्मदिवस और चतुर्थ मंगलवार को किशोरी बालिका दिवस मनाया जाता है ।
- कहने का अर्थ यह है की केवल प्रकृति ने ही इतनी पौष्टिक सामग्रियों को दुर्लभ नहीं बहाया है, हम मनुष्यों के लालच ने और दुर्लभ बना दिया है, मंडुये का आटा गेहूं के आटे से ६ रूपये महँगा? इसी मंडुये के बीज, कई विदेशों में रहने वाले कर्नाटकी परिवार, अंकुरित करके, उनका माल्ट बना कर शिशुओ का अन्न प्राशन भी कराते हैं, मेरे एक कर्नाटकी सहयोगी ने मुझे मंडुए का मीठा सत्तू भे ला कर दिया था।
- (१) गर्भावस्था में पुंसवन, (२) जन्म के उपरान्त नामकरण, (३) छह महीने का होने पर अन्न प्राशन, (४) एक वर्ष की आयु में मुण्डन, (५) तीन वर्ष का होने पर विद्यारंभ, (६) बारह वर्ष में यज्ञोपवीत, (७) बीस-पच्चीस के बीच विवाह, (८) चालीस के उपरान्त वानप्रस्थ, (९) पैंसठ के बाद संन्यास जीवित स्थिति में यह नौ संस्कार ही प्रधान हैं।