अखंड रूप से sentence in Hindi
pronunciation: [ akhend rup s ]
"अखंड रूप से" meaning in English
Examples
- अनुप्रयोगों और क्लाउड सेवाओं के साथ अखंड रूप से कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया एकमात्र प्रोजेक्ट प्रबंधन सिस्टम के साथ व्यवस्थित रहें और अपने प्रोजेक्ट्स को ट्रैक पर बनाए रखें.
- उसकी वैदिक संहिताओं की बड़ी विशेषता यह है कि हजारों वर्षों तक जब लिपि कला का भी प्रादुर्भाव नहीं था, वैदिक संहिताएँ मौखिक और श्रुतिपरंपरा द्वारा गुरुशिष्यों के समाज में अखंड रूप से प्रवहमान थीं।
- अन्य Microsoft अनुप्रयोगों और क्लाउड सेवाओं के साथ अखंड रूप से कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया एकमात्र प्रोजेक्ट प्रबंधन सिस्टम के साथ व्यवस्थित रहें और अपने प्रोजेक्ट्स को ट्रैक पर बनाए रखें.
- जहाँ-जहाँ कोई छोटा-बड़ा प्रयत्न होता है वहाँ-वहाँ उसके मूल में आत्मश्रद्धा ही स्थित होती है और अंतःकरण में जब तक आत्मश्रद्धा स्थित होती है तब तक प्रयत्नों का प्रवाह अखंड रूप से बहता रहता है।
- जब साधक की स्थिति यह हो जाती है तो चाहे वह हंस रहा हो या फिर रो रहा हो या लोगों से बातें कर रहा हो, उसका ‘ज़िक्र‘ अखंड रूप से उसके दिल में चलता रहता है, जिसे वह ख़ुद सुनता रहता है।
- बिजली खंडित होते ही दूर होगी समस्या बता दें कि पूरे राज्य में फैले सभी किस्म के उद्योगों को बिजली विभाग द्वारा 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है जिससे कि कंपनियों का उत्पादन बिना किसी रुकावट के अखंड रूप से होता रहे।
- जब साधक की स्थिति यह हो जाती है तो चाहे वह हंस रहा हो या फिर रो रहा हो या लोगों से बातें कर रहा हो, उसका ‘ ज़िक्र ‘ अखंड रूप से उसके दिल में चलता रहता है, जिसे वह ख़ुद सुनता रहता है।
- वे सदा अपने छोटे से बैठकखाने में ही बैठे रहते थे ; यहाँ तक कि कभी टहलने जाने या घर के दूसरे हिस्सों में जाने के लिये भी वे शायद ही कभी वहाँ से उठते थे गुरु के दर्शन के लिय शिष्यों के आगमन का क्रम लगभग अखंड रूप से चलता रहता था।
- हिमालय हिंदुस्तान का ही है और किसी देश का नहीं, मानो यही सिद्ध करने के लिए हिमालय के उत्तर की ओर बहने वाली पानी की एक-एक बूंद इकट्ठा करके, हिमालय के दोनों छोरों से घूमकर उन्हें हिंद महासागर तक पहुंचाने का काम सिंधु और ब्रह्मपुत्र, दोनों नद अखंड रूप से करते हैं।
- कर्म-त्याग की प्रेरक शक्ति थी मेरे द्वारा अनुभूत ज्ञान की अपूर्णता | अंतरद्वन्द की आंधी से मेरी आत्मा कम्पित हो उठी | भीतर का सत्व विजयी हुआ,-बोला-“ दोनों ही मार्ग असत्य है | साधक! और प्रयत्न कर-वह स्थल दूर नहीं है, जहाँ सत्य और प्रकाश अखंड रूप से निवास करते है | ”