स्वर्लोक sentence in Hindi
pronunciation: [ sevrelok ]
"स्वर्लोक" meaning in Hindi
Examples
- C. स्वर्लोक: सूर्य और ध्रुव के बीच जो चौदह लाख योजन का अन्तर है, उसे स्वर्लोक या स्वर्गलोक कहते हैं।
- C. स्वर्लोक: सूर्य और ध्रुव के बीच जो चौदह लाख योजन का अंतर है, उसे स्वर्लोक या स्वर्गलोक कहते हैं।
- C. स्वर्लोक: सूर्य और ध्रुव के बीच जो चौदह लाख योजन का अंतर है, उसे स्वर्लोक या स्वर्गलोक कहते हैं।
- एक पक्षी अन्तरिक्ष में अपना नीड़ बनाता है और आकाश तथा पृथ्वी भूर्लोक और स्वर्लोक के बीच में ही निरन्तर वास करता है।
- भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपलोक तथा सत्यलोक-ये सात लोक क्रमश: एक के ऊपर एक स्थित हैं।
- ॐकार की तीन मात्राओं से तीनो लोक (अकार भूलोक, उकार भुवर्लोक और मकार स्वर्लोक कहलाता है), तीन अग्नि, ब्रम्हा विष्णु व महेश, आदि का बोध होता है.
- जो लोग इस प्रकार आचरण करते हैं, यह नाक में (नाकउ नअ अअ कउ नहींअ नहींअ सुखउ जहाँ असुख नहीं हैउ जहाँ सुख हैउ स्वर्लोक में) महिमा को प्राप्त होते है जहाँ पूर्वकालीन साध्य देव निवास करते हैं।
- यंत्र का बिंदुचक्र सत्यलोक, त्रिकोण तपोलोक, अष्टकोण जनलोक, अंतर्दशार महर्लोक, बहिर्दशार स्वर्लोक, चतुर्दशार भुवर्लोक, प्रथम वृत्त भूलोक, अष्टदल कमल अतल, अष्टदल कमल का बाह्य वृŸा वितल, षोडशदल कमल सुतल, वृŸात्रय या त्रिवृŸा तलातल, प्रथम रेखा भूपुर महातल, द्वितीय रेखा भूपुर रसातल और तृतीय रेखा भूपुर पाताल है।
- ९ १. ५ ४ (अकार, उकार व मकार का क्रमश: भू, भुव: व स्व: लोकों से तादात्म्य), वायु २ ०. ८ (अकार के अक्षर, उकार के स्वरित और मकार के प्लुत होने का उल्लेख: अकार से भूलोक, उकार से भुव: और मकार से स्वर्लोक का निर्देश), शिव १.