सम्मेद शिखरजी sentence in Hindi
pronunciation: [ semmed shikherji ]
Examples
- क्षुल्लक श्री ध्यानसागर महाराज इन दिनों अहमदाबाद से बिहार करते हुए इंदौर, भोपाल, सागर, दमोह, कटनी, सतना होकर प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी जा रहे है।
- श्री महावीर युवा मंच संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने उदयपुर से सम्मेद शिखरजी की तीर्थ यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए सभी का आभार ज्ञापित किया और संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
- श्री महावीर युवा मंच संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि लेकसिटी से 29 अक्टूबर को सम्मेद शिखरजी की यात्रा प्रारंभ होगी जो हस्तीनापुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, गयाजी, पावापुरी, लछवाडज़ी, राजगिरीजी, सम्मेद शिखरजी जाएगी।
- श्री महावीर युवा मंच संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि लेकसिटी से 29 अक्टूबर को सम्मेद शिखरजी की यात्रा प्रारंभ होगी जो हस्तीनापुर, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, गयाजी, पावापुरी, लछवाडज़ी, राजगिरीजी, सम्मेद शिखरजी जाएगी।
- भगवन पार्श्वनाथ जैन धर्म के २३ वें तीर्थंकर थे जिनका जन्म वाराणसी में हुआ था. कमठ द्वारा भयंकर उपसर्ग हुआ जिसका निवारण देवी पद्मावती और देव धर्नेंद्र ने किया.अंत में सम्मेद शिखर जी से मोक्ष प्राप्त किया जिसके महत्व से पहाड़ का नाम पारसनाथ हिल पड़ा.आप अपने जीवन में एक बार अवश्य तीर्थराज सम्मेद शिखरजी की यात्रा करें क्यूंकि कहा है-
- सम्मेद शिखरजी के अतिरिक्त देश के विभिन्न राज्यों, नगरों,गाँव,आदि में भी भगवन पार्श्वनाथ निर्वाण लाडू बड़े ही धूम धाम से चदय जाता है.परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के भी पवन सानिध्य में ०५ अगस्त को प्रातः श्रीजी के अभिषेक के पश्चात् कलिकुंड पार्श्वनाथ विघ्न हरता विधान संगीतमय रूप से आयोजित होगा व २३ किलो का प्रथम निर्वाण लाडू भी चढ़ाया जायेगा.
- इस अवसर पर सम्पूर्ण देश के विभिन्न प्रान्तों से लाखों श्रद्धालु शाश्वत सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखरजी में निर्वाण लाडू चडाने हेतू ०५ अगस्त को पर्वतराज की वंदना करेंगे और स्वर्णभद्र कूट पर लाडू समर्पित करेंगे. वैसे तो सम्मेद शिखरजी से और भी १९ तीर्थंकर मोक्ष पधारे लेकिन सबसे अंत में और सबसे ज्यादा उचाई पर विराजित भगवन पार्श्वनाथ की टोंक के कारण इसकी महत्ता और भी अधिक हो जाती है.
- इस अवसर पर सम्पूर्ण देश के विभिन्न प्रान्तों से लाखों श्रद्धालु शाश्वत सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखरजी में निर्वाण लाडू चडाने हेतू ०५ अगस्त को पर्वतराज की वंदना करेंगे और स्वर्णभद्र कूट पर लाडू समर्पित करेंगे. वैसे तो सम्मेद शिखरजी से और भी १९ तीर्थंकर मोक्ष पधारे लेकिन सबसे अंत में और सबसे ज्यादा उचाई पर विराजित भगवन पार्श्वनाथ की टोंक के कारण इसकी महत्ता और भी अधिक हो जाती है.
- इस अवसर पर ट्रेन के कोच के प्रायोजक संस्थान संरक्षक दिलीप सुराणा, भंवरलाल राजकुमार फत्तावत, पूर्व अध्यक्ष बसंतीलाल कोठीफोड़ा, श्याम नागौरी, बसंत पोरवाल, सम्मेद शिखरजी के पूरे दिन के लाभार्थी हीरालाल आछा देवगढ़ वाले और सुशीला देवी किरणमल सावनसुखा, एक समय के भोजन के लाभार्थी राजकुमार मेहता, मोहन पामेचा, देवगढ़ जैन संघ, कन्हैयालाल हड़पावत मदार वाले, दिनेश सामर फतहनगर वालों का शॉल, स्मृति चिन्ह, मेवाड़ी पगड़ी पहना अभिनंदन किया गया।