श्वेताश्वतरोपनिषद् sentence in Hindi
pronunciation: [ shevaashevteropenised ]
"श्वेताश्वतरोपनिषद्" meaning in Hindi
Examples
- श्वेताश्वतरोपनिषद् (6-23) में कहा गया है: जिसकी ईश्वर में परम भक्ति है, जैसे ईश्वर में वैसे ही गुरु में, क्योंकि इनकी कृपा से ही अर्थों का प्रकाश होता है।
- ज्योति प्रधान समस्त सोऽहँ-हँऽस ो-आत्मा-स्वयं ज्योति रूप शिव-शक्ति को ही परमपिता-परमात्मा-परमेश्वर-मानने-मनवाने वालों को यह जान लेना चाहिए कि ईश्वर ही परमेश्वर नहीं होता है बल्कि ईश्वरों का भी महान ईश्वर परम ईश्वर अर्थात् परमेश्वर होता है श्वेताश्वतरोपनिषद् का ही एक सत्प्रमाण गौर से देखें-
- श्वेताश्वतरोपनिषद् के मन्त्र संख्या 4 / 18 में स्पष्टत: है कि परमात्मा-परमेश्वर अन्धकार तो है ही नहीं, दिव्य ज्योति भी नहीं है, बल्कि वह दोनों से ही परे और कल्याणरूप ' तत्त्वम् ' है जबकि प्रजापिता ब्र 0 कु 0 ई 0 विश्वविद्यालय वाले आत्मा को तो कहीं सूक्ष्म आकृति और कहीं-कहीं ज्योति माने ही हैं, परमात्मा को भी ज्योतिर्विन्दु ही कहते हैं।