शालिकनाथ sentence in Hindi
pronunciation: [ shaalikenaath ]
Examples
- शालिकनाथ ने उक्त दो पंचिकाओं से अलग प्रकरणपंचिका नामक एक स्वतंत्र ग्रन्थ लिखकर प्रभाकर के मत का प्रतिपादन किया है।
- आपने शालिकनाथ की बृहती, पंचिक्रा आदि को आधार मानकर बारह अध्याय के ऊपर 'नयविवेक' नाम से एक टीका लिखी है।
- आपने शालिकनाथ की बृहती, पंचिक्रा आदि को आधार मानकर बारह अध्याय के ऊपर ' नयविवेक ' नाम से एक टीका लिखी है।
- इस मत के समर्थक अनेक आचार्य हैं, जिनमें शालिकनाथ मिश्र, भवनाथ, रन्तिदेव, वरदराज, शंकर मिश्र, दामोदर तथा नन्दीश्वर का नाम विशेष उल्लेखनीय है।
- अत: “चोदना लक्षणो धर्म:” सूत्र में लिखा है-“आचार्य चोदित” करोमि” इस भाष्य की व्याख्या करते हुए शालिकनाथ ने कहा है-चोदित:
- शालिकनाथ तथा चंद्र का निर्देश करने एवं स्वयं गंगेश उपाध्याय के पुत्र वर्धमान द्वारा उल्लिखित होने के कारण इनका समय बारहवीं शदी माना जा सकता है।
- अत: “चोदना लक्षणो धर्म:” सूत्र में लिखा है-“आचार्य चोदित” करोमि“ इस भाष्य की व्याख्या करते हुए शालिकनाथ ने कहा है-चोदित: प्रवर्तित:, कार्यमवबोधित: इत्यर्थ:, कार्यताज्ञान विना प्रवृत्तेरसंभवादिति” (तदभूतादि प्र0 पं0) अतएव प्रभाकर मत में कहा गया है-“कार्य
- आचार्य धर्मकीर्ति के मन्तव्यों का खण्डन वैशेषिक दर्शन में व्योमशिव ने, मीमांसा दर्शन में शालिकनाथ ने, न्याय दर्शन में जयन्त और वाचस्पति मिश्र ने, वेदान्त में भी वाचस्पति मिश्र ने तथा जैन दर्शन में अकलङ्क आदि आचार्यों ने किया है।
- अत: “चोदना लक्षणो धर्म:” सूत्र में लिखा है-“आचार्य चोदित” करोमि“ इस भाष्य की व्याख्या करते हुए शालिकनाथ ने कहा है-चोदित: प्रवर्तित:, कार्यमवबोधित: इत्यर्थ:, कार्यताज्ञान विना प्रवृत्तेरसंभवादिति” (तदभूतादि प्र0 पं0) अतएव प्रभाकर मत में कहा गया है-“कार्य विध्यर्थ:, तच्च कार्य धात्वर्थातिरिक्तम्, अपूर्व शब्द वाच्यम् तदेव विध्यर्थ इति”
- अत: “ चोदना लक्षणो धर्म: ” सूत्र में लिखा है-“ आचार्य चोदित ” करोमि “ इस भाष्य की व्याख्या करते हुए शालिकनाथ ने कहा है-चोदित: प्रवर्तित:, कार्यमवबोधित: इत्यर्थ:, कार्यताज्ञान विना प्रवृत्तेरसंभवादिति ” (तदभूतादि प्र 0 पं 0) अतएव प्रभाकर मत में कहा गया है-“ कार्य विध्यर्थ:, तच्च कार्य धात्वर्थातिरिक्तम्, अपूर्व शब्द वाच्यम् तदेव विध्यर्थ इति ”