वादिराज sentence in Hindi
pronunciation: [ vaadiraaj ]
Examples
- एकीभाव संस्कृत स्तोत्र के रचियता आचार्य श्री वादिराज हैं| आपकी गणना महान् आचार्यों में की जाती है| आप महान वाद-विजेता और कवि थे| आपकी पार्श्वनाथ चरित्र, यशोधर चरित्र, एकीभाव स्तोत्र, न्याय-विनिश्यिय विवरण, प्रमाण निर्णय ये पांच कृतियाँ प्रसिद्ध हैं| आपका समय विक्रम की 11 वीं शताब्दी माना जाता है| आपका चौलुक्य नरेश जयसिंह (प्रथम) की सभा में बडा़ सम्मान था| 'वादिराज' यह नाम नही वरन् पदवी है| प्रख्यात वादियों में आपकी गणना होने से आप वादिराज के नाम से प्रसिद्ध हुए|
- एकीभाव संस्कृत स्तोत्र के रचियता आचार्य श्री वादिराज हैं| आपकी गणना महान् आचार्यों में की जाती है| आप महान वाद-विजेता और कवि थे| आपकी पार्श्वनाथ चरित्र, यशोधर चरित्र, एकीभाव स्तोत्र, न्याय-विनिश्यिय विवरण, प्रमाण निर्णय ये पांच कृतियाँ प्रसिद्ध हैं| आपका समय विक्रम की 11 वीं शताब्दी माना जाता है| आपका चौलुक्य नरेश जयसिंह (प्रथम) की सभा में बडा़ सम्मान था| 'वादिराज' यह नाम नही वरन् पदवी है| प्रख्यात वादियों में आपकी गणना होने से आप वादिराज के नाम से प्रसिद्ध हुए|
- हरिभद्र की अनेकांतजयपताका, शास्त्रवार्तासमुच्चय, वीरसेन की सिद्धान्त एवं तर्कबहुला ध्वला-जय-धवलाटीकाएँ, वादन्यायविचक्षण, कुमारनंदि का वादन्याय *, विद्यानंद के आचार्य विद्यानंद महोदय [1], तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक, अष्टसहस्री, आप्तपरीक्षा, प्रमाणपरीक्षा, पत्रपरीक्षा, सत्यशासनपरीक्षा, युक्त्यनुशासनालंकार, अनंतवीर्य प्रथम की सिद्धिविनिश्चय टीका व प्रमाणसंग्रहभाष्य, वादिराज के न्याय-विनिश्चय विवरण, प्रमाण-निर्णय और माणिक्यनंदि का परीक्षामुख (आद्य जैन न्यायसूत्र), अकलंक के वाङमय से पूर्णतया प्रभावित एवं उसके आभारी तथा उल्लेखनीय दार्शनिक एवं तार्किक रचनाएं हैं, जिन्हें अकलंककाल (मध्यकाल) की महत्त्वपूर्ण देन कहा जा सकता है।
- एकीभाव संस्कृत स्तोत्र के रचियता आचार्य श्री वादिराज हैं | आपकी गणना महान् आचार्यों में की जाती है | आप महान वाद-विजेता और कवि थे | आपकी पा र्श्वनाथ चरित्र, यशोधर चरित्र, एकीभाव स्तोत्र, न्याय-विनिश्यिय विवरण, प्रमाण निर्णय ये पांच कृतियाँ प्रसिद्ध हैं | आपका समय विक्रम की 11 वीं शताब्दी माना जाता है | आपका चौलुक्य नरेश जयसिंह (प्रथम) की सभा में बडा़ सम्मान था | ‘ वादिराज ' यह नाम नही वरन् पदवी है | प्रख्यात वादियों में आपकी गणना होने से आप वादिराज के नाम से प्रसिद्ध हुए |
- एकीभाव संस्कृत स्तोत्र के रचियता आचार्य श्री वादिराज हैं | आपकी गणना महान् आचार्यों में की जाती है | आप महान वाद-विजेता और कवि थे | आपकी पा र्श्वनाथ चरित्र, यशोधर चरित्र, एकीभाव स्तोत्र, न्याय-विनिश्यिय विवरण, प्रमाण निर्णय ये पांच कृतियाँ प्रसिद्ध हैं | आपका समय विक्रम की 11 वीं शताब्दी माना जाता है | आपका चौलुक्य नरेश जयसिंह (प्रथम) की सभा में बडा़ सम्मान था | ‘ वादिराज ' यह नाम नही वरन् पदवी है | प्रख्यात वादियों में आपकी गणना होने से आप वादिराज के नाम से प्रसिद्ध हुए |
- एकीभाव संस्कृत स्तोत्र के रचियता आचार्य श्री वादिराज हैं | आपकी गणना महान् आचार्यों में की जाती है | आप महान वाद-विजेता और कवि थे | आपकी पा र्श्वनाथ चरित्र, यशोधर चरित्र, एकीभाव स्तोत्र, न्याय-विनिश्यिय विवरण, प्रमाण निर्णय ये पांच कृतियाँ प्रसिद्ध हैं | आपका समय विक्रम की 11 वीं शताब्दी माना जाता है | आपका चौलुक्य नरेश जयसिंह (प्रथम) की सभा में बडा़ सम्मान था | ‘ वादिराज ' यह नाम नही वरन् पदवी है | प्रख्यात वादियों में आपकी गणना होने से आप वादिराज के नाम से प्रसिद्ध हुए |