महाभारती sentence in Hindi
pronunciation: [ mhaabhaareti ]
Examples
- ' महाभारती में चित्रा जी ने प्रौढ़ दृष्टि और सारगर्भित भाषा बंध से आम पाठकों ही नहीं दिग्गज लेखकों से भी सराहना पाई.
- ' महाभारती में चित्रा जी ने प्रौढ़ दृष्टि और सारगर्भित भाषा बंध से आम पाठकों ही नहीं दिग्गज लेखकों से भी सराहना पाई.
- ' महाभारती में चित्रा जी ने प्रौढ़ दृष्टि और सारगर्भित भाषा बंध से आम पाठकों ही नहीं दिग्गज लेखकों से भी सराहना पा ई.
- परमानन्ददास, घाघ, तोषनिधि, मनीराम मिश्र कन्नौज, राजा यशवन्त सिंह, राम जू भट्ट, तुलसीराम, गोविन्द प्रसाद महाभारती, देवी सहाय वाजपेई,
- यहां तक कि राजनीति के महाभारती भाष्य में कथित रूप से कृष्ण का किरदार निभाने वाले नाना पाटेकर को भी इन मामलों से या तो कटा-कटा दिखाया गया है या फिर उनके समर्थन और आशीर्वाद से ही सारी लीला खेली जाती है।
- द्रौपदी का जन्म महाराज द्रुपद के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था | द्रौपदी का विवाह पाँचों पाण्डव से हुआ था | कृष्णा, यज्ञसेनी, महाभारती, सैरंध्री अदि अन्य नामो से भी ये विख्यात है | पांडवों द्वारा इनसे जन्मे पांच पुत्र (क्रमशः प्रतिविंध्य, सुतसोम, श्रुतकीर्ती, शतानीक व श्रुतकर्मा) उप-पांडव नाम से विख्यात थे |
- इसी प्रकार खमानी ऑडिटोरियम (दिल्ली), ऑल इण्डिया सूफी एवं मैजेस्टिक म्यूजिक फेस्टिवल (पूणे), छतीसगढ़ पर्यटन महोत्सव, जमशेदपुर थियेटर टाटा, आइडिया जलसा (मुम्बई), नागौर फोर्ट सूफी दरबार, उस्ताद राणे खाँ वार्षिकोत्सव (जैसलमेर), संगीत महाभारती व ब्ल्यू फ्रोग (मुम्बई), गोल्फ क्लब (कोलकाता), चोईस क्लब कोच्चि आदि में हुए कार्यक्रमों में अपने फन का कमाल दिखा चुके हैं।
- क् या है क् या, विजिटों से कोई मोहब् बत है आपको? ऐसे थोक में दिवाली में बजाजी तक अपने दूकान की नाक में दम नहीं करता, लेकिन अपने ब् लॉग की आपने कर रखी है और ऊपर से बेचारे एक् सप् लोरर की कान उमेंठ रही हैं, क् यों? और ऊपर के जगर-मगर में उलझा किसी तरह आदमी अंतत: ब् लॉग खोल भी ले, तो नीचे फिर अनुसरणकर्ता संधान का फिर एक पसरा महाभारती मैदान है!
- डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' के मत में-“द्रौपदी के रूप में उत्सर्ग्शीला नारी के वर्चस्व को अत्यंत उदात्त रूप में उभरने का यह लाघव प्रयत्न सराहनीय है.” श्री नरेश मेहता को “काफी समय से हिंदी में ऐसी और इतनी तुष्टि देनेवाली रचना नजर नहीं आयी.” उनको तो “पढ़ते समय ऐसा लगता रहा कि द्रौपदी को पढ़ा जरूर था पर शायद देखना आज हुआ है.” आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के अनुसार-“द्रौपदी को महाभारती कहना अपने आप में एक विशिष्ट उपलब्धि है.” स्वयं चित्रा जी के अनुसार-“यह कहानी न्याय पाने हेतु भटकती हुई गुहार की कहानी है.
- डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' के मत में-“द्रौपदी के रूप में उत्सर्ग्शीला नारी के वर्चस्व को अत्यंत उदात्त रूप में उभरने का यह लाघव प्रयत्न सराहनीय है.” श्री नरेश मेहता को “काफी समय से हिंदी में ऐसी और इतनी तुष्टि देनेवाली रचना नजर नहीं आयी.” उनको तो “पढ़ते समय ऐसा लगता रहा कि द्रौपदी को पढ़ा जरूर था पर शायद देखना आज हुआ है.” आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के अनुसार-“द्रौपदी को महाभारती कहना अपने आप में एक विशिष्ट उपलब्धि है.” स्वयं चित्रा जी के अनुसार-“यह कहानी न्याय पाने हेतु भटकती हुई गुहार की कहानी है.