भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता sentence in Hindi
pronunciation: [ bhaasen aur abhiveyketi ki sevtentertaa ]
"भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" meaning in English
Examples
- विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये टिप्पणियां गैर-जरूरी हैं और भारत के संविधान में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित होने की आजादी दी गयी है।
- कम से कम बाबा साहब ने तो ऐसा लोकतंत्र अथवा संविधान नहीं बनाया था जो भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मुखालफत करता हो या अपनी बात कहने की स्वतंत्रता न देता हो।
- लेकिन कहा है कि, मूल अधिकारों में निहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है और पत्रकारों को अपनी लक्षमण रेखा मालूम होनी चाहिए, ताकि किसी तरह की अवमानना न होने पाएं।
- इस संदर्भ में, राजनीतिक पार्टियों के द्वारा जनमत सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध का समर्थन करना संविधान के द्वारा आर्टिकल 19 (1) (a) दिए गए भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है।
- [25] भारतीय संविधान में “ प्रेस ” शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन “ भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार ” का प्रावधान किया गया है (अनुच्छेद 19 (1) a).
- इनमें शामिल हैं भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, एकत्र होने की स्वतंत्रता, हथियार रखने की स्वतंत्रता, भारत के राज्यक्षेत्र में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रतता, भारत के किसी भी भाग में बसने और निवास करने की स्वतंत्रता तथा कोई भी पेशा अपनाने की स्वतंत्रता.
- भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उस समय दुरूपयोग होता है जब दलीय भावना के वशीभूत होकर हमारे जनप्रतिनिधि एक दूसरे को अपशब्द बोलते हैं, एक दूसरे पर व्यंग्य करते हैं, राष्ट्र और राष्ट्रवाद की भावना के विरूद्घ विषवमन करते हैं या कुछ अनुचित बोलते हैं।
- प्रधान न्यायाधीश एस. एच. कापड़िया की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने व्यवस्था दी है कि मूल अधिकारों में निहित, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है और पत्रकारों को अपनी लक्षमण रेखा का ज्ञान होना चाहिए, ताकि किसी तरह की अवमानना न होने पाएं।
- आज भारतीय समाज के सामने प्रमुख प्रश्न यही है कि क्या किसी व्यक्ति के पास, जिसमें कलाकार भी शामिल है ऐसी कोई स्वतंत्रता प्राप्त है जिसमें उसे देवी देवताओं की निंदा का अधिकार मिल जाए? संविधान 19 (1) (ए) के अन्तर्गत प्रत्येक नागरिक को यही सर्वाधिक मूल अधिकार की गारण्टी है कि उसे भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है, परन्तु यह अधिकार कुछ प्रतिबंधों के अधीन रहता है, जिसमें अन्य बातों के अलावा सरकार जनहित, शालीनता अथवा नैतिकता के हित में इस अधिकार पर प्रतिबंध लगा सकती है।