भारतीय लोक कला मण्डल sentence in Hindi
pronunciation: [ bhaaretiy lok kelaa mendel ]
Examples
- udaipur. भारतीय लोक कला मण्डल के 60 वर्ष पूर्ण होने पर संस्था अपना स्थापना दिवस इस वर्ष “ रवीन्द्रोत्सव ” के रूप में 22 से 24 फरवरी तक मनाने जा रही हैं।
- मानद सचिव रियाज तहसीन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल की स्थापना 1952 में पद्मश्री स् व. द ेवीलाल सामर ने लोक कलाओं, कठपुतली कलाओं एवं अन्य कलाओं के सरंक्षण […]
- Udaipur. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर, भारतीय लोक कला मण्डल, द परफोरमर्स संस्था द्वारा आयोजित तीन दिवसीय हास्य नाट्य समारोह के दूसरे दिन ‘ वेलेन्टाईन डे ' की प्रस्तुति सराहनीय रही।
- Udaipur. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर, भारतीय लोक कला मण्डल, द परफोरमर्स संस्था के प्रयासों से तीन दिवसीय हास्य नाट्य समारोह के अन्तिम दिन नाटक “ तिल का ताड़ ” ने दर्शकों को हॅंसा हॅंसाकर लोटपोट किया।
- Udaipur. लोक कलाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध सांस्कृतिक संस्था भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा लुप्त होते लोक नृत्यों की विधा से युवा पीढी को रूबरू कराने के लिए एक माह का लोक नृत्य प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया हैं।
- भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में 28 अप्रेल 1979 को हुए राजस्थान लोकानुरंजन मेले में पद्मश्री देवीलाल सामार ने उस्ताद अकबर खाँ का अभिनन्दन किया व लोक कला के उन्नयन, विकास व प्रचार-प्रसार में उनके बहुमूल्य योगदान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
- महावीर युवा मंच द्वारा महावीर जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार रात को भारतीय लोक कला मण्डल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर अखिल भारतीय हास्य-शृंगार-वीररस कवि सम्मेलन रसवर्षा 2012 का आयोजन किया गया जिसमें ख्यातनाम कवियों ने एक से बढक़र एक कविताएं पेश […]
- प्राचीन काल से ही भारतीय जन-जीवन में रची-बसी लोक कला को देश-विदेश तक पहुंचाने वाले उदयपुर के भारतीय लोक कला मण्डल को लम्बेम समय बाद पहली बार इस वर्ष लोक कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भाषा एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा 15 लाख रुपये […]
- टैगोरनामा के तहत शास्त्रीय नृत्य-नाटिकाएं udaipur. रवीन्द्रनाथ टैगोर के 150 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में राजस्थान पर्यटन द्वारा आयोजित टैगोरनामा में देश की सुप्रसिद्घ नृत्यांगना malika साराभाई तीन शास्त्रीय नृत्य-नाटिकाओं की प्रस्तुति 10 व 11 मार्च को शाम 7 बजे से भारतीय लोक कला मण्डल में देंगी।
- उदयपुर में भारतीय लोक कला मण्डल ने बरसों पहले जिस तरह हमारी लोक कलाआें और सांस्कृतिक परम्पराआें को एकत्र कर उन्हें एक मूर्त रूप देने का प्रयास किया था वही प्रयास यहां नजर आ रहा था फर्क सिर्फ इतना था कि कला मण्डल ने अपने प्रयासों को एक निश्चित मुकाम पर लाकर विराम दे दिया था वहीं यहां घूमते हुए यह अहसास हो रहा था कि इन प्रयासों का क्षितिज कितना बड़ा था।