ब्राह्मण-ग्रन्थ sentence in Hindi
pronunciation: [ beraahemn-garenth ]
Examples
- गृहस्थाश्रम में यज्ञविधि का निर्देश करने के लिए ब्राह्मण-ग्रन्थ उपयोगी थे और उसके बाद वानप्रस्थ आश्रम में वनवासी आर्य यज्ञ के रहस्यों और दार्शनिक तत्त्वों का विवेचन करने वाले आरण्यकों का अध्ययन करते थे।
- हर वेद में चार भाग हैं-संहिता-मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ-गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक-इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्-इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।
- हर वेद में चार भाग हैं-संहिता-मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ-गद्य भाग जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक-इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्-इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।
- हर वेद में चार भाग हैं-संहिता-मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ-गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक-इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्-इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।
- हर वेद में चार भाग हैं-संहिता-मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ-गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक-इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्-इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।
- [37] अत: जिस प्रकार कम्बु-ग्रीवादि से युक्त एक ही पदार्थ के घट, कलश आदि अनेक नामधेय होने से कोई विरोध उपस्थित नहीं होता, उसी तरह एक ही ब्राह्मण-ग्रन्थ के वेद होने में और पुराण-इतिहास होने में कोई विरोध नहीं है।
- हर वेद में चार भाग हैं-संहिता-मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ-गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक-इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्-इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।
- कुल मिलाकर ये हैं: संहिता (मन्त्र भाग), ब्राह्मण-ग्रन्थ (गद्य में कर्मकाण्ड की विवेचना), आरण्यक (कर्मकाण्ड के पीछे के उद्देश्य की विवेचना), उपनिषद (परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म और आत्मा के स्वभाव और सम्बन्ध का बहुत ही दार्शनिक और ज्ञानपूर्वक वर्णन).