बक्करवाल sentence in Hindi
pronunciation: [ bekkervaal ]
Examples
- गौरतलब है कि ऐसी स्थिति में अधिकतर बक्करवाल पहली बर्फबारी के बाद नेजों पर नहीं ठहरते हैं और वे मैदानी क्षेत्रों की ओर चले आते है।
- पुलिस ट्रेनिंग स्कूल से रूट मार्च गज्जर बक्करवाल बॉयज हॉस्टल, चन्नग्रां, कुक्का चक, रेडियो स्टेशन सड़क, पुलिस लाइन से वापस ट्रेनिंग स्कूल में संपन्न हो गया।
- मोहम्मद खटाना-हम बक्करवाल गुज्जर ही है जिन्होंने 48 में कबाइलियों के आने की सूचना सेनाको दी, चीनी सेना के आने की सूचना दी, कारगिल युद्ध के समय सूचना दी।
- सेना ने इसके लिए एक योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत गुज्जर और बक्करवाल जनजातीय लोगों के बच्चों में शिक्षा का अलख जगाकर उन्हें शिक्षित समाज से जोड़ने का प्रयास जारी है।
- मोहम्मद खटाना-हम बक्करवाल गुज्जर ही है जिन्होंने 48 में कबाइलियों के आने की सूचना सेनाको दी, चीनी सेना के आने की सूचना दी, कारगिल युद्ध के समय सूचना दी।
- एक बक्करवाल की बात आज भी दिल में गूंजती है.... हमारी फौजें आगे बढ़ रही हैं... । ये शब्द ' हमारी '.... दिल को कितना सुकुन देता है.....
- इनमें गुज्जर, राईं, खुरी लगाने वाले लोहार, बक्करवाल, रूईं पींजने वाले, जुलाहे, छींबे, कलीगर, नेचेगर, नाई, धोबी और दिहाड़ी करने वाली अन्य जातियों के लोग शामिल थे।
- इसमें बड़ी संख्या में नागरिक, सेना की 93 इंफेंट्री ब्रिगेड के कमांडर, रोमियो फोर्स 6 सेक्टर के ब्रिगेड कमांडर, जिला विकास आयुक्त सज्जाद अहमद, खान, एमएलसी जहांगीर मीर, गुज्जर बक्करवाल सलाहकार बोर्ड के उपसभापति चौधरी बशीर नाज और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
- जागरण संवाद केंद्र, किश्तवाड़: सेना की नौ राष्ट्रीय राइफल ने जिला किश्तवाड़ के हाई धार, टिब्बा, संथनटाप, अस्थान, मंडू व किवार में गुज्जर बक्करवाल समुदाय के 132 बच्चों को पढ़ाने के लिए मोबाइल स्कूल सेवा शुरू की है। गुज्जर बक्करवाल समुदाय के लोगों ने सेना को इसके लिए धन्यवाद दिया है। गुज्जर कासिमदीन ने बताया कि उनके बच्चे इसलिए अनपढ़ रहते हैं, क्योंकि उनके पास बच्चों को पढ़ाने की सुविधा नहीं है। इसीलिए वह भी खानाबदोश कहलाते हैं। सर्दियों में वह लोग मैदानी इलाकों में चले जाते है
- जागरण संवाद केंद्र, किश्तवाड़: सेना की नौ राष्ट्रीय राइफल ने जिला किश्तवाड़ के हाई धार, टिब्बा, संथनटाप, अस्थान, मंडू व किवार में गुज्जर बक्करवाल समुदाय के 132 बच्चों को पढ़ाने के लिए मोबाइल स्कूल सेवा शुरू की है। गुज्जर बक्करवाल समुदाय के लोगों ने सेना को इसके लिए धन्यवाद दिया है। गुज्जर कासिमदीन ने बताया कि उनके बच्चे इसलिए अनपढ़ रहते हैं, क्योंकि उनके पास बच्चों को पढ़ाने की सुविधा नहीं है। इसीलिए वह भी खानाबदोश कहलाते हैं। सर्दियों में वह लोग मैदानी इलाकों में चले जाते है