फ़ासिला sentence in Hindi
pronunciation: [ fasilaa ]
"फ़ासिला" meaning in English
Examples
- और दोनों में बाबे अत्फ़ का भी फ़ासिला नहीं रखा ताकि दोनों के क़रीबुल मअना होने पर रौशनी पड़े और फिर इस निफ़ाक़ो हक़ कोशी की बिना पर उसे अल्लाह और लअनत करने वालों की लअनत का मुस्तहक़ ठहराया है।
- अगर-अल्लाह की पनाह-हज़रत ईसा और मिर्ज़ा जी के बीच कोई फ़ासिला न होता तो शायद कुछ नादानों को धोखा देने के लिए यह फ़रेब काम कर जाता, जबकि कुरआन मजीद की इबारत साफ़ बता रही है कि हज़रत ईसा (अलै.)
- पत्थरों में भी ज़ुबाँ होती है दिल होते हैं अपने घर के दर-ओ-दीवार सजाकर देखो वो सितारा है चमकने दो यूँही आँखों में क्या ज़रूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो फ़ासिला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है चाँद जब चमके ज़रा हाथ बढ़ा कर देखो 2.
- ग़म बढ़ा, बढ़ता गया, बेइन्तिहां होता गया फ़ासिला सा जब हमारे दर्मियां होता गया क्या करें इस हिज्र के आलम में हम जाएं कहां साँस लेना भी अगर्चे इम्तिहां होता गया क्यों ना टपके खून आँखों से, ज़हन से, जिस्म से जज़्बा-ए-दिल प्यार में जब खूंचकां होता गया हमने मांगा
- ग़म बढ़ा, बढ़ता गया, बेइन्तिहां होता गया फ़ासिला सा जब हमारे दर्मियां होता गया क्या करें इस हिज्र के आलम में हम जाएं कहां साँस लेना भी अगर्चे इम्तिहां होता गया क्यों ना टपके खून आँखों से, ज़हन से, जिस्म से जज़्बा-ए-दिल प्यार में जब खूंचकां होता गया हमने मांगा
- (712) एहतियात की बिना पर, पेशानी और हाथों की पुश्त का मसा ऊपर से नीचे की तरफ़ करना चाहिए और इसके तमाम कामों को मुत्तसिल (निरन्तर) तौर पर अंजाम देना चाहिए और अगर उन कामों के बीच इतना फ़ासिला हो जाये कि लोग यह न कहें कि तयम्मुम कर रहा है तो तयम्मुम बातिल है।
- 11-02-2011 शायद दिल मेरा बेज़ुबान है शायद फ़ासिला दर्मियान है शायद उसने बोला है भूल जाऊं उसे काम इतना आसान है शायद ड़ूबते दिल की शाम ऐसी है जल रहा आसमान है शायद 7-2-2011 हमपे सारे सितम नहीं गुज़रे वो ख़ुदा मेहरबान है शायद फ़क़त उनकी ही चाह है दिल को कोई बच्चा नादान है शायद लब [...] 2011
- ' मीर' का एक निहायत दिलकश शे'र है अब के जुनूं में फ़ासिला शायद ना कुछ रहे दामन के चाक और गिरेबां के चाक में! इस पर मौलाना अल्ताफ़ हुसेन 'हाली'(शागिर्द-ए-गा़लिब)ने एक बडा़ पुर-लुत्फ़ लतीफ़ा लिखा है जिस से न इस शे'र की ख़ूबी ज़ाहिर होती है बल्कि 'मीर' के उस बुलन्द मका़म का भी अन्दाज़ा होता है जो उनको दूसरों की निगाहों में हासिल था.
- 489 आदत वाली औरत का ख़ून अगर तीन या इससे ज़्यादा दिन तक आने के बाद रुक जाये और फिर दोबारा ख़ून आये और इन दोनों खूनों का दरमियानी फ़ासिला दस दिन से कम हो और जिन दिनों में ख़ून आया है और जिन दिनों में बंद रहा वह सब दस से ज़्यादा हों (मसलन पाँच दिन ख़ून आया हो फिर पाँच दिन रुक गया हो और फिर पाँच दिन दोबारा ख़ून आया हो) तो इसकी चंद सूरते हैं।
- लफ्ज़ और एहसास के बीच का फ़ासिला तय करने की कोशिश का नाम शाइरी है | मेरे नजदीक यही वो मक़ाम है, जहाँ फ़नकार आंसू को ज़बान और मुस्कुराहट को इमकान [सम्भावना] दिया करता है | मगर ये बेनाम फ़ासिला तय करने में कभी-कभी उम्रें बीत जाती हैं और बात नहीं बनती | मैंने शाइरी को अपने हस्सासे वुजूद [अस्तित्व की संवेदनशीलता] का इज़हारिया [अभिव्यक्ति] जाना और अपनी हद तक शे ' री ख़ुलूस से बेवफ़ाई नहीं की | यही मेरी कमाई है | और मुझे आपके रूबरू लाई है |