पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल sentence in Hindi
pronunciation: [ pendit raamepresaad bisemil ]
Examples
- पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल, शचीन्द्र सान्याल, जोगेशचन्द्र के साथ मिलकर चन्द्रशेखर आजाद ने उत्तर भारत के क्रान्तिकारियों को लेकर एक दल हिन्दुस्तानी प्रजातांत्रिक संघ (एचआरए) का गठन किया।
- 17 दिसम्बर, 1927 को राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी और दो दिन बाद 19 दिसम्बर को पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल, अफशफाक उल्ला खां, रोशन सिंह आदि शीर्ष क्रांतिकारियों को फांसी पर लटका दिया गया।
- बहे बहरे-फ़ना में जल्द या रब लाश “ बिस्मिल ” की कि भूखी मछलियाँ हैं जौहरे-शम्शीर क़ातिल की समझकर फूंकना इसकी ज़रा ए दागे नाकामी बहुत से घर भी हैं आबाद इस उजड़े हुए दिल से ~ पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल
- पढने में आया है कि मेरे प्रिय नायकों पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल (11 जून 1897), आंग सान सू ची (19 जून), इब्न ए इंशा (15 जून), बाबा नागार्जुन (30 जून), पॉल मैककॉर्टनी (18 जून) और ब्लेज़ पास्कल (19 जून) के जन्म दिन का शुभ अवसर भी है।
- पढने में आया है कि मेरे प्रिय नायकों पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल (11 जून 1897), आंग सान सू ची (19 जून), इब्न ए इंशा (15 जून), बाबा नागार्जुन (30 जून), पॉल मैककॉर्टनी (18 जून) और ब्लेज़ पास्कल (19 जून) के जन्म दिन का शुभ अवसर भी है।
- 2. अशफाक़ उल्लाह खाँ, सरदार भगत सिंह, पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल, चन्द्र शेखर आज़ाद, नेताजी बोस, तात्या टोपे, मंगल पाण्डे जैसे शहीद हम भारतीयों के दिल में सदा ही रहेंगे, उनके व्यक्तिगत या धार्मिक विश्वासों से उनकी महानता में कोई कमी नहीं आने वाली है।
- आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ के जन्मदिन पर काकोरी काण्ड के शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए प्राख्यात स्वाधीनता सेनानी अमर शहीद पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल की जीवनी से एक अंश “ श्री अशफाक उल्ला खां-मैं मुसलमान तुम काफिर? ”, अनुराग शर्मा की आवाज़ में।
- वर्ष १९८५ में विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित भारत और विश्व साहित्य पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में एक भारतीय प्रतिनिधि [21] ने अपने लेख के साथ पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल की कुछ लोकप्रिय कविताओं का द्विभाषिक काव्य रूपान्तर (हिन्दी-अंग्रेजी) में प्रस्तुत किया था जिसे उनकी पुस्तकों[22] से साभार उद्धृत करके यहाँ दिया जा रहा है ताकि हिन्दी के पाठक भी उन रचनाओं का आनन्द ले सकें।
- वर्ष १९८५ में विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित भारत और विश्व साहित्य पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में एक भारतीय प्रतिनिधि ने अपने लेख के साथ पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल की कुछ लोकप्रिय कविताओं का द्विभाषिक काव्य रूपान्तर (हिन्दी-अंग्रेजी) में प्रस्तुत किया था जिसे अंग्रेजी विकिपीडिया से उद्धृत करके यहाँ साभार इसलिये दिया जा रहा है ताकि हिन्दी के पाठक भी उन रचनाओं का आनन्द ले सकें।
- वर्ष १९८५ में विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित भारत और विश्व साहित्य पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में एक भारतीय प्रतिनिधि ने अपने लेख के साथ पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल की कुछ लोकप्रिय कविताओं का द्विभाषिक काव्य रूपान्तर (हिन्दी-अंग्रेजी) में प्रस्तुत किया था जिसे अंग्रेजी विकिपीडिया से उद्धृत करके यहाँ साभार इसलिये दिया जा रहा है ताकि हिन्दी के पाठक भी उन रचनाओं का आनन्द ले सकें।