धराशायी होना sentence in Hindi
pronunciation: [ dheraashaayi honaa ]
"धराशायी होना" meaning in English "धराशायी होना" meaning in Hindi
Examples
- ऊपर से जो काम, जैसे-तैसे, पूरा हो भी गया, बारिश के गीलेपन और जमीन के धंसने से धराशायी होना शुरु हो गया है.
- देश में कारोबार करने वाली मॉरिशस में पंजीकृत कंपनियों के लाभ पर कर की आशंका से शेयर बाज + ारों का धराशायी होना बिज + नेस भास्कर और देशबंधु की बड़ी ख् + ाबर है।
- इसी तरह उनके अन्य चित्रों में स्मृतियों की अवसादपूर्ण मौजूदगी भी महसूस की जा सकती है जिसमें जंगलों के कटने का एक दृश्य है और जंगलों के कटने का एक अर्थ स्मृतियों का धराशायी होना भी है।
- इसी तरह उनके अन्य चित्रों में स्मृतियों की अवसादपूर्ण मौजूदगी भी महसूस की जा सकती है जिसमें जंगलों के कटने का एक दृश्य है और जंगलों के कटने का एक अर्थ स्मृतियों का धराशायी होना भी है।
- जिन आदर्शों, स्वप्नों और आकांक्षाओं को लेकर भारतीय जनता ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, स्वराज्य हासिल किया था और संविधान में आस्था व्यक्त की थी, स्वतंत्र भारत में उन सबका एक-एक कर धराशायी होना आज भी जारी है।
- ‘मुँह ' के बंद रहने से भीतर दबी पड़ी नापाक ‘कर 'तूतों की फाइलें, फ्लापियाँ, सी.डी.याँ, खदबदाने लगती हैं, और क्षणिक आवेश के कारण जब उसका मुँह खुल जाता है तो भूकम्प आ जाता है और फिर कई गगनचुंबी स्तंभों को धराशायी होना पड़ता है।
- अगर यह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडने वाली बात हो, तो फिर कुछ कहना फिजूल है, लेकिन अगर चुनाव आयोग का यह वक्तव्य किसी पार्टी के हित में है तो फिर निश्चित ही चिंता की बात है, क्योंकि यदि मतदान अनिवार्य होता है तो फिर वोट बैंक का धराशायी होना तय है।
- और न्यूज चैनलों पर नजर रखने वाले तथाकथित हतास और निराश आलोचक भाई लोग इसके बारे में जोर लगा के लिख-बोल भी रहे हैं...लेकिन बात वहीं पर आकर अटक रही है....कि इसका निदान क्या है...यदि समय रहते सही निदान नहीं दिया गया तो न्यूज चैनल्सों की विश्वसनीयता का पूरी तरह से धराशायी होना यकीनी है...
- किसी की आत्मा जागृत हो जाए तो बरसों-बरस ‘ मुँह ' के बंद रहने से भीतर दबी पड़ी नापाक ‘ कर ' तूतों की फाइलें, फ्लापियाँ, सी. डी. याँ, खदबदाने लगती हैं, और क्षणिक आवेश के कारण जब उसका मुँह खुल जाता है तो भूकम्प आ जाता है और फिर कई गगनचुंबी स्तंभों को धराशायी होना पड़ता है।
- महत्वपूर्ण यह देखना भी है कि आधुनिकता का प्रकल्प, जिसने मुक्तिकामी और विकासमूलक शक्तियों के साथ हाथ मिलाकर मध्यकालीन व्यवस्था, बोध और संस्थाओं को ध्वस्त कर अपनी राह बनाई स्त्री के संदर्भ में उसके सबसे बड़े उत्पीड़क-दोहनकर्ता, पितृसत्ता और पितृसत्तात्मक मूल्यों को क्यों नहीं पछाड़ पाया? सामंती व्यवस्था के ख़ात्मे के साथ पितृसत्ताक मूल्यों को भी धराशायी होना था, पर ऐसा नहीं हो पाया.