दृष्टकूट sentence in Hindi
pronunciation: [ derisetkut ]
Examples
- दृष्टकूट शब्द, संस्कृत के “दृष्ट' तथा ”कूट' शब्दों से बना है, जिसका साहित्यिक अर्थ है जो सहज रूप से देखने सुनने पर समझा न जा सके।
- अज्ञात साहित्यप्रेमियों द्वारा संकलित श्री सूरदास जी के दृष्टकूट पद हस्तलिखित रूप में सूर के कूटपद, सूरदास जी के दृष्टकूट, सूरदास के कूटपद नामों से मिलते हैं।
- -८०, ८८, ८९: साहित्यलहरी: सरदार कवि) के संबंध में “उर्मिल द्वावर्ण' और ”वारावर्त' दृष्टकूट भेदों का उल्लेख किया है, किंतु वहाँ आपने दोनों कूटभेदों की कोई परिभाषा नहीं दी जिससे इनकी विशेषता जानी जा सके।
- हस्तलिखित रूप में ' व्याहलों ' के नाम से राधा-कृष्ण विवाहसम्बन्धीप्रसंग, ' सूरसागर सार ' नाम से रामकथा और रामभक्ति सम्बन्धी प्रसंग तथा ' सूरदास जी के दृष्टकूट ' नाम से कूट-शैली के पद पृथक् ग्रन्थों में मिले हैं।
- जैसे, दृष्टकूट पद (आगरा सन् १८६२ ई., होजी प्रेस), दृष्टकूट, सरदार कवि की टीका सहित (काशी, बनारस लाइट प्रेस, सं. १८६९ वि.,); सूरशतक, सूर के सौ कूटों की टीका (बालकृष्णदास, काशी, बनारस लाइट प्रेस, सं. १८६२ ई.); सूरदास जी का दृष्टकूट पद (हुसेनी प्रेस, दिल्ली, सं.
- जैसे, दृष्टकूट पद (आगरा सन् १८६२ ई., होजी प्रेस), दृष्टकूट, सरदार कवि की टीका सहित (काशी, बनारस लाइट प्रेस, सं. १८६९ वि.,); सूरशतक, सूर के सौ कूटों की टीका (बालकृष्णदास, काशी, बनारस लाइट प्रेस, सं. १८६२ ई.); सूरदास जी का दृष्टकूट पद (हुसेनी प्रेस, दिल्ली, सं.
- पुरालोकनमस्कृत इतिहासग्रंथ महाभारत लिखते समय जिस प्रकार व्यासवाणी को समझ बूझकर लिखने में कुछ क्षण विरमना पड़ता था, उसी भाँति श्री सूर कृत दृष्टिकूट कीर्तनरचना में गाई गई “एतेचांश कला पुंस: कृष्णस्तुभगवान्स्वयं' (श्रीमद्भागवत १।३।२८) की संयोगवियोगात्मक भाँति भाँति की लोकपावन लीलाआें के रसमय गूढ़ रहस्यों को समझने में कुछ जूझना पड़ता है, इस दृष्टकूट रचनाशैली को हिंदी साहित्य में गो.