दुर्ग ज़िले sentence in Hindi
pronunciation: [ durega jeil ]
Examples
- मध्य भारत के छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले के रहने वाले प्रीतम साहू के परिवार के लिए नया साल खुशियां लेकर आया.
- दुर्ग ज़िले के वैशाली नगर उपचुनाव में भाजपा को मिली अप्रत्याशित हार से मुख्यमंत्री रमन सिंह का़फी आहत थे और पार्टी में उनके विरोधी सक्रिय हो गए थे.
- प्रारम्भ किया है और आगामी 4 मार्च से 7 मार्च 2010 तक दुर्ग ज़िले के बालोद जनपद में ऐसा ही एक रचना शिविर आयोजित किया जा रहा है ।
- छत्तीसगढ़ के ही दुर्ग ज़िले में तो डॉक्टर नीरा रजक और नर्स अंजनी निषाद ने समलैंगिक विवाह के लिए जिला प्रशासन को आवेदन भी दिया लेकिन ज़िला प्रशासन ने इस आवेदन को ठुकरा कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
- छत्तीसगढ़ के ही दुर्ग ज़िले में तो डॉक्टर नीरा रजक और नर्स अंजनी निषाद ने समलैंगिक विवाह के लिए जिला प्रशासन को आवेदन भी दिया लेकिन ज़िला प्रशासन ने इस आवेदन को ठुकरा कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
- प्रस्तावित नहर के निर्माण में लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत संभावित है, जबकि इसके बन जाने पर दुर्ग ज़िले में तांदुला जलाशय के कमांड क्षेत्र में किसानों को लगभग 30,000 हेक्टेयर के रकबे में खरीफ के दौरान सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी दिया जा सकेगा।
- म. प ्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बाद अब छत्तीसगढ़ प्रदेश साहित्य सम्मेलन ने भी इस परम्परा को पुन: प्रारम्भ किया है और आगामी 4 मार्च से 7 मार्च 2010 तक दुर्ग ज़िले के बालोद जनपद में ऐसा ही एक रचना शिविर आयोजित किया जा रहा है ।
- आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य के दो प्रमुख सिंचाई जलाशयों धमतरी ज़िले के गंगरेल स्थित रविशंकर जलाशय और दुर्ग ज़िले के तांदुला जलाशय को लगभग 60 किलोमीटर लंबी नहर के जरिए आपस में जोडने की प्रस्तावित योजना के लिए सर्वेक्षण की स्वीकृति प्रदान कर दी।
- 32 फुट गहरे कुएँ में डूब रही पड़ोस की चार साल की बच्ची को बचाने के लिए दुर्ग ज़िले के नेमचंद निर्मलकर को जब गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिला तो उसे उम्मीद थी कि अब कम से कम उसके फ़ौज में जाने का सपना साकार हो जाएगा.
- आज ' राह कौन सी जाऊं मैं' की स्तिथि में चौराहे पर खड़े...अपने घर में आग लगा कर उजाला कर चुके हैं...दरअसल यह सब ब्लैकमेलिंग इसलिए हो पाती है क्योंकि जनता नादान की तरह देखते रहती है...राजनीति को नेताओं की जागीर समझ कर छोड़ चुकी है...।अभी हाल ही की घटना है छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले के दो पंचायतों में लोगों ने सरपंचों का हुक्का-पानी बंद कर दिया...वजह उन पर कुछ भ्रष्टाचार के आरोपों का होना था...मैं मानता हूं यह असल लोकतंत्र का इशारा है...जब लोक का डंडा पड़े तब लोकतंत्र सफल होगा..