दर्शन विभाग sentence in Hindi
pronunciation: [ dershen vibhaaga ]
"दर्शन विभाग" meaning in English
Examples
- आपके जन्म की तारीखआपका अंक11019281211202923122130341322314514235615246716257817268918279बोलें सितारेअंक ज्योतिषटैरो कार्डआर्थिक भविष्यफलपिछली स्टोरी ' भगवान के प्रति अपनापन ही श्रेष्ठ साधन है'अगली स्टोरीजैन दर्शन विभाग की ओर से व्याख्यान का आयोजन
- इवाना उलीचीचा के दसवें मार्ग पर मुद्रोस् लोवनी फाकुल् तेत (दर्शन विभाग) के परिसर का वातानुकूलित पुस् तकालय मेरे लिए शरणस् थली बना था।
- दर्शन विभाग अपने छात्रों analytically सवाल पूछ रहा है और भेद के माध्यम से सोचने के लिए शिक्षि त. व िभाग के एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संकाय में आधारित मेजबान [+]
- विश्वविद्यालय मुख्यालय के शैक्षणिक विभागों के नाम-१-स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग २-स्नातकोत्तर साहित्य विभाग ३-स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग ४-स्नातकोत्तर वेद विभाग ५-स्नातकोत्तर दर्शन विभाग ६-स्नातकोत्तर धर्मशास्त्र विभाग ७-शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा-डॉ. सुरेश्वर झा
- ये सन 1998 की बात है मुझे राजस्थान विश्व विद्यालय के इतिहास विभाग में पढ़ते हुए एक दर्शन विभाग के वरिष्ठ मित्र ने अपनी पहली मुलाकात में एक किताब पढने की सलाह दी और वो थी स्त्री उपेक्षिता..
- कार्यक्रम का संचालन प्रो. रमेश कुमार द्विवेदी (आचार्य एवं अध्यक्ष-बौद्ध दर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी) एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. माधवी तिवारी (सचिव, धर्म संस्कृति संगम काशी सारनाथ) ने ज्ञापित किया।
- यह तो दार्शनिक पोस्ट बन गयी, आपकी इस पोस्ट से मुझे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के आचार्य श्री सी. एल त्रिपाठी जी की याद हो आयी जिनके चिंतन का यह नित्य-प्रति प्रिय विषय होता था. तार्किक पोस्ट, आभा र.
- -उक्त विचार राजीव गाँधी जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति टी. सी. डामोर ने रविवार को अखिल भारतीय दर्शन विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 58 वें अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मोहनलाल सुखाडिया वि. वि. के कला महाविद्यालय सभागार में आयोजित समापन समारोह में व्यक्त किये।
- पत्रकारिता की छत्रछाया में इस प्रकार के रंजक, हृदयावर्जक और लालित्यपूर्ण भावभरे निबन्ध हिन्दी में उसी प्रकार लोकप्रिय हुए जिस प्रकार पटना विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के आचार्य हरिमोहन झा के खट्टर काका के नाम से लिखे मैथिली भाषा के विनोदात्मक ललित निबन्ध जो हिन्दी में धर्मयुग आदि पत्रिकाओं में खूब छपते थे।
- कला विभाग में पढ़ने वाली एक अनिता थी जो कुछ पत्तियों सी चित्र बनाती थी लेकिन उसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता था क्योंकि रसायन विभाग और दर्शन विभाग की संगीता वर्मा और शालिनी चौहान ने सारा ध्यान अपनी ओर लिए हुए थे जबकि वे जो कुर्ते पहनती थी उन पर पत्तियां भी बनी होती थी और रंग हरे और पीले नारंगी भी होते थे.