चुका भी हूँ मैं नहीं sentence in Hindi
pronunciation: [ chukaa bhi hun main nhin ]
Examples
- धरती को दोनों ओर से थामे हुए (चुका भी हूँ मैं नहीं,
- शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ-३ (चुका भी हूँ मैं नहीं!)
- (1975). चुका भी हूँ मैं नहीं. दिल्ली: राधा कृष्ण प्रकाशन.
- प्रमुख कृतियाँ-कुछ कविताएँ (1959), कुछ और कविताएँ (1961), चुका भी हूँ मैं नहीं (1975), इतने पास अपने (1980), उदिता: अभिव्यक्ति का संघर्ष (1980), बात बोलेगी (1981), काल तुझसे होड़ है मेरी (1988)।
- शमशेर जी के तीन संग्रह आ चुके थे-‘ कुछ कविताएँ ', ‘ कुछ और कविताएँ ' तथा ‘ चुका भी हूँ मैं नहीं ' अपनी तरह की अलग कविताएँ..
- या जब कवि कहता है सौन्दर्य त्वचा में नहीं, थिरकते रक्त में नहीं, कहीं इनके पा र.... (सिंह श. ब., चुका भी हूँ मैं नहीं) तो पार कहाँ? वहाँ जहाँ आत्मा होती है?
- चुका भी हूँ मैं नहीं! कहाँ किया मैंने प्रेम अभी! जब करूँगा प्रेम पिघल उठेंगे युगों के भूधर उफान उठेंगे सात सागर! किन्तु मैं हूँ मौन आज कहाँ सजे मैंने साज अभी! सरल से भी गूढ़-गूढ़तर तत्व निकलेंगे अमित विषमय जब मथेगा प्रेम सागर ह्रदय! निकटतम सबकी अपर शोर्यों की तुमतब बनोगी एक गहन मायामय प्राप्त सुख तुम बनोगी जब प्राप्य जय! (रचनाकाल-1941) शमशेर की रचनाएँ...
- इनकी कुछ प्रमुख कृतियाँ हैं-कुछ कविताएँ (1959), कुछ और कविताएँ (1961), चुका भी हूँ मैं नहीं (1975), इतने पास अपने (1980), उदिता: अभिव्यक्ति का संघर्ष (1980), बात बोलेगी (1981), काल तुझसे होड़ है मेरी (1988) 1977 में “ चुका भी हूँ मैं नहीं ” के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के “ तुलसी ” पुरस्कार से सम्मानित।
- इनकी कुछ प्रमुख कृतियाँ हैं-कुछ कविताएँ (1959), कुछ और कविताएँ (1961), चुका भी हूँ मैं नहीं (1975), इतने पास अपने (1980), उदिता: अभिव्यक्ति का संघर्ष (1980), बात बोलेगी (1981), काल तुझसे होड़ है मेरी (1988) 1977 में “ चुका भी हूँ मैं नहीं ” के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के “ तुलसी ” पुरस्कार से सम्मानित।
- यही नहीं विष्णु खरे इस और साफ़ इशारा करते हैं कि शमशेर की उस प्रतिबद्धता का स्वीकार अज्ञेय ने भी किया जब दूसरे सप्तक में वह उनकी ‘ बात बोलेगी ', ‘ घिर गया है समय का रथ ', ‘ स्वतंत्रता दिवस पर ', ‘ भारत की आरती ', ‘ बसंत पंचमी की एक शाम ', ‘ माई ', ‘ समय साम्यवादी ' और ‘ चुका भी हूँ मैं नहीं ' जैसी कविताएँ शामिल करते हैं.