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कृदन्त sentence in Hindi

pronunciation: [ kerident ]
"कृदन्त" meaning in English  "कृदन्त" meaning in Hindi  

Examples

  1. इसमें सन्धि, सुबन्त, कृदन्त, उणादि, आख्यात, निपात, उपसंख्यान, स्वरविधि, शिक्षा और तद्धित आदि विषयों का विचार है ।
  2. कृदन्त क्रिया रूपों या विशेषणीभूत कृदंतों का भी विशाल संसार है जो गहन लिंगभेद का शिकार है-‘ रामः गतवान् ' तो ‘ सीता गतवती ' ।
  3. ' तप संतापे ' धातु से कृदन्त विहित प्रत्यय द्वारा ' तपति इति पित्तं ' जो शरीर में ताप, गर्मी उत्पन्न करे उसे पित्त कहते हैं ।।
  4. व्याकरणवेत्ता प्रत्ययों को पांच वर्गों में बांटते हैं: तिङन्त तथा कृदन्त क्रियाधातुओं के लिए और सुबन्त, तद्धित एवं स्त्रीप्रत्यय संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण शब्दों के लिए ।
  5. इस प्रकार के उदाहरण में ' कइले ' शब्द वस्तुतः भूत कृदन्त (past participle) ' कइल ' से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है-“ किया हुआ ” ।
  6. इसी प्रकार ‘ कृ ' (करना) से कृति, कार्य, कर्तव्य (कृदन्त प्रत्यय) ; और उपसर्ग भी प्रयोग में ले लें तो आकृति, अनुकृति, प्रकृति, विकृति इत्यादि ।
  7. कालारम्भ कृदन्त से क्यों? त्रेता में तिगुना होने का भाव है, किससे तिगुना? द्वापर की अवधि कलि से दुगुनी है, त्रेता की तिगुनी, कृत की चौगुनी: हमारी ओर आते हुए काल संकुचित क्यों होता चलता है?
  8. यदि प्रतिपाद्य विषयों की दृष्टि से विचार किया जाए तो संज्ञा और परिभाषा, स्वरों और व्यंजनों के प्रकार, धातुसिद्ध क्रियापद, कारक, विभक्ति, एकशेष समास, कृदन्त, सुबन्त, तद्धित, आगम और आदेश, स्वर विचार, दित्व और सन्धि-ये अष्टाध्यायी के प्रतिपाद्य विषय हैं।
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