इलेक्ट्रोनों sentence in Hindi
pronunciation: [ ileketronon ]
Examples
- आवश्यक वसा अम्लों की कार्बन लड़ी में जहां द्वि-बंध बनता है और दो हाइड्रोजन अलग होते हैं, उस स्थान पर इलेक्ट्रोनों का बादलनुमा समुह, जिसे पाई-इलेक्ट्रोन भी कहते हैं, बन जाता हैं और इस जगह ए. एल. ए. की लड़ मुड़ जाती है।
- इसका कारण यह है कि पैरों के तले में नसों (nerves) का एक गहन (intricate) व सुग्राही (sensitive) तंत्र (network) होता है और एक्यूप्रेशर के कई बिंदु (acupuncture points) होते हैं जो पृथ्वी के स्वतंत्र इलेक्ट्रोनों को बटोरते हैं और हमें स्वस्थ करने में सहायता करते हैं ।
- ए. एल. ए की कार्बन श्रंखला में जहां द्वि-बंध बनता है और दो हाइड्रोजन के परमाणु अलग होते हैं, वहां इलेक्ट्रोनों का बडा झुंण्ड या बादल सा, जिसे “ पाई-इलेक्ट्रोन्स ” भी कहते हैं, बन जाता है और इस जगह ए. एल. ए. की लड़ मुड जाती है।
- इस प्रकार पानी में विघटन में हुए मुक्त इलेक्ट्रॉन क्लोरोफिल ‘ b ' को उत्तेजित कर उच्च ऊर्जा स्तर पर पहूँच जाते हैं तथा ये इलेक्ट्रॉन फिर कस प्रकार क्लोरोफिल ‘ a ' को प्राप्त होते हैं, पूर्ण रूप से ज्ञात नहीं है लेकिन ऐसा विश्वास किया जाता है कि प्लास्टोकविनोन नामक इलेक्ट्रोन ग्राही इन इलेक्ट्रोनों को पकड़ लेता है जो साइटोक्रोम द्वारा पुनः क्लोरोफिल ‘ a ' में पहुँच जाते हैं।
- : 24HO → 24OH + 24H:12NADP + 24H → 12NADPH:24OH → 12HO + 6O इस प्रकार पानी में विघटन में हुए मुक्त इलेक्ट्रॉन क्लोरोफिल ‘b' को उत्तेजित कर उच्च ऊर्जा स्तर पर पहूँच जाते हैं तथा ये इलेक्ट्रॉन फिर कस प्रकार क्लोरोफिल ‘a' को प्राप्त होते हैं, पूर्ण रूप से ज्ञात नहीं है लेकिन ऐसा विश्वास किया जाता है कि प्लास्टोकविनोन नामक इलेक्ट्रोन ग्राही इन इलेक्ट्रोनों को पकड़ लेता है जो साइटोक्रोम द्वारा पुनः क्लोरोफिल ‘a' में पहुँच जाते हैं।
- ए. एल.ए. में 3 द्वि-बंध ओमेगा सिरे से क्रमशः तीसरे, छठे औरनवें कार्बन परमाणु के बाद होते हैं चूंकि पहला द्वि-बंध तीसरे कार्बन के बाद होताहै इसीलिए इसको ओमेगा-3 वसा अम्ल (N-3) कहते हैं। ए.एल.ए. हमारे शरीर में नहीं बनसकते हैं, इसलिए इनको “आवश्यक वसा”अम्ल कहते हैं अत: इनको भोजन द्वारा लेना अति “आवश्यक” है। ए.एल.ए की कार्बन श्रंखला में जहां द्वि-बंध बनता है और दो हाइड्रोजन के परमाणुअलग होते हैं, वहां इलेक्ट्रोनों का बडा झुंण्ड या बादल सा, जिसे “पाई-इलेक्ट्रोन्स” भीकहते हैं, बन जाता है और इस जगह ए.एल.ए. की लड़ मुड़जाती है।
- ए. एल.ए. में 3 द्वि-बंध ओमेगा सिरे से क्रमशः तीसरे, छठे और नवें कार्बन परमाणु के बाद होते हैं चूंकि पहला द्वि-बंध तीसरे कार्बन के बाद होता है इसीलिए इसको ओमेगा-3 वसा अम्ल (N-3) कहते हैं। ए.एल.ए. हमारे शरीर में नहीं बन सकते, इसलिए इनको “आवश्यक वसा” अम्ल कहते हैं अत: इनको भोजन द्वारा लेना अति “आवश्यक” है। ए.एल.ए की कार्बन श्रंखला में जहां द्वि-बंध बनता है और दो हाइड्रोजन के परमाणु अलग होते हैं, वहां इलेक्ट्रोनों का बडा झुंण्ड या बादल सा, जिसे “पाई-इलेक्ट्रोन्स” भी कहते हैं, बन जाता है और इस जगह ए.एल.ए. की लड़ मुड़ जाती है।