अल्प मत sentence in Hindi
pronunciation: [ alep met ]
"अल्प मत" meaning in English
Examples
- झामुमो के समर्थन वापसी के इस फैसले से ही 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में मुंडा सरकार अल्प मत मे आ गयी है।
- संसद में नोट: वामदलों के केंदzीय सरकार से समर्थन लेने के बाद अल्प मत में आई यूपीए सरकार को सदन में विश्वास मत हासिल करना पड़ा।
- भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार अल्प मत में आ गई है लेकिन चुनाव से मुंह चुरा रही है।
- कई बार राजनीतिक संकट के अवसर पर सत्ता पक्ष के अल्प मत में आ जाने पर सरकार को बचाने के लिए सांसदों या विधायकों को अपने पक्ष में लाने के लिए धन का इस्तेमाल उन्हें खरीदने के लिए करते हैं।
- सन् 2003 में राज्य की असम गण परिषद सरकार ने केंद्र से इस अधिनियम को निरस्त करने की सिफारिश भी की थी लेकिन केंद्र ने राज्य सभा में अल्प मत का हवाला देकर ऐसा कर सकने में अक्षमता जाहिर की।
- आरोपों की जाँच करने वाली तीन सदस्यीय टीम द्वारा दिए गए निष्कर्ष और नौ के मुकाबले चार लोगों द्वारा वस्तानवी के पक्ष में दिए गए मत यह राहत देने वाले हैं कि हर मुसलमान सत्य का विरोधी नहीं है भले ही वे अल्प मत में क्यों न हों.
- वास्तव में डा 0 गौड़ और उन जैसी विचार धारा रखने वाला हर व्यक्ति जानता है कि इस प्रकार के आह्वान से क़ुरआन में कुछ घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता परन्तु फिर भी इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद इल्ज़ामात की बौछार करके एक विशेष वर्ग अपने से कमज़ोर और अल्प मत वाले विशेष वर्ग को ड़रा धमक़ा कर रखना चाहता है।
- इनमे से कोई बात मेरी मौलिक उद्भावना नही बल्कि हिंदी भाषा के विकास पर शोध करने वाले विद्वानों ने इस बात को रेखांकित किया है. लेकिन ऐसे विद्वानों को हिंदी में पढने और पढ़ाने की कोई परम्परा नही है.ऐसे विचार अभी अल्पमत में हैं लेकिन ज़रूरी नही की आगे भी ये अल्प मत में रहे हीं.समय करवट लेता है और आगे भी लेगा ही.....”!....................सादर!
- प्राथमिक शिक्षा को लेकर १ ९ ६ ४ में डा. डी. एस. कोठारी की अध्यक्षता में गठित आयोग ने शिक्षा दिये जाने की अवधारणा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि शिक्षा प्रणाली बच्चों को मूल्य युक्त शिक्षा देने के बजाय उसे एक छोटे से अल्प मत के लिये उपलब्ध करा पाती है जो योग्यता से नहीं बल्कि फीस देने की क्षमता से बनता है.
- इनमे से कोई बात मेरी मौलिक उद्भावना नही बल्कि हिंदी भाषा के विकास पर शोध करने वाले विद्वानों ने इस बात को रेखांकित किया है. लेकिन ऐसे विद्वानों को हिंदी में पढने और पढ़ाने की कोई परम्परा नही है.ऐसे विचार अभी अल्पमत में हैं लेकिन ज़रूरी नही की आगे भी ये अल्प मत में रहे हीं.समय करवट लेता है और आगे भी लेगा ही..... फ़िलहाल समाप्त..