अपभ्रंश शैली sentence in Hindi
pronunciation: [ apebhernesh shaili ]
Examples
- कुमाऊँ की ज्यूति मातृका पट्टों, थापों तथा वर बूदों में श्वेताम्बर जैन अपभ्रंश शैली का भी स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है।
- अपभ्रंश शैली के चित्रों की सर्वप्रमुख विशेषता है:-चेहरे की विशेष बनावट, नुकीली नाक तथा आभूषणों की अत्यधिक सज्जा।
- अपभ्रंश शैली 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच प्रारम्भ में ताड़ पत्रों पर और बाद में काग़ज़ पर चित्रित हुई।
- उनके आसपास दो छोटे आकार-प्रकार की मछलियाँ भी बनायी गयी है. भगवान को प्रणाम करते हुए एक नारी को भी बनाया गया है, जिसकी वेषभूषासमकालीन अपभ्रंश शैली की है.
- अपभ्रंश शैली में जैन चित्र अधिक होने से अक्सर ऐसादेखा गया है कि हिन्दू पोथी चित्रों में भी कुछ ऐसे आकृतियों का प्रयोगहुआ है जिनका सीधा सम्पर्क जैन आकृतियों के साथ है.
- इसके अतिरिक्त राजस्थानी शैली, जो कि अपभ्रंश शैली का ही विकसित रुप थी व विशेष रुप से 'मालवा शैली', जो राजस्थानी शैली की ही एक धारा है, से भी विकसित होकर उभरी।
- इसके अतिरिक्त राजस्थानी शैली, जो कि अपभ्रंश शैली का ही विकसित रुप थी व विशेष रुप से 'मालवा शैली', जो राजस्थानी शैली की ही एक धारा है, से भी विकसित होकर उभरी।