अपचार sentence in Hindi
pronunciation: [ apechaar ]
"अपचार" meaning in English "अपचार" meaning in Hindi
Examples
- इसके साथ ही जो गंभीर अपराध व अपचार के दोषी पाए गए, उन्हें भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।
- द गॉड डेल्यूज़न के लेखक डॉकिन्स के स्वर में स्वर मिलाकर वे भी धर्म शिक्षा को बाल अपचार की श्रेणी में शुमार करते हैं।
- जब शिक्षक स्वयं भ्रष्ट हो जाए, व्यापारी हो जाए, शिष्यों को ही निशाना बनाने लगे, अपचार तक करने लगे, तब शिक्षा के परिणाम क्या हो सकते हैं?
- वर्तमान युग में धुम्रपान, अपचार, नशाखोरी आदि क्षति पहुँचानेवाले कुकर्म उभरते जा रहे है जो समाज को घेरे जा रहे है और अन्धकारमयी छाया के घिराव में पतन की ओर धकेले जा रहे है ।
- यौन संबंधी इस छेड़छाड़ की गंभीरता, जिसे युवाओं में अपचार से संबंधित समस्या के रूप में देखा जाता है, वासनापरक सांकेतिक टिप्पणियां कसने, सार्वजनिक स्थानों में छूकर निकलने, सीटी बजाने से लेकर स्पष्ट रूप से जिस्म टटोलने तक विस्तृत है.
- जब तक उनकी नारियाँ और कन्याएँ शक्ति और अपचार से व्यवस्था विरुद्ध व्यसन का साधन नहीं बनाई जातीं, जब तक वे वज्जिचैत्यों के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखते हैं, जब तक वे अपने अर्हतों की रक्षा करते हैं, उस समय तक हे आनंद, वज्जियों का उत्कर्ष निश्चित है, अपकर्ष संभव नहीं।
- जब तक उनकी नारियाँ और कन्याएँ शक्ति और अपचार से व्यवस्था विरुद्ध व्यसन का साधन नहीं बनाई जातीं, जब तक वे वज्जिचैत्यों के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखते हैं, जब तक वे अपने अर्हतों की रक्षा करते हैं, उस समय तक हे आनंद, वज्जियों का उत्कर्ष निश्चित है, अपकर्ष संभव नहीं।
- करोडों भारतीयों और देश से छल कर जिन लोगों नें पैसे बनाये हैं वे अपनें अपराध को 100 पदकों की ओट में छुपानें की फिराक़ में हैं! मासूम और प्रतिभाशाली खिलडियों पर गौरव करें, के नारे से अपनें अपचार पर पर्दा डालते “ कलंक ” कब तक छुपे रह पायेंगे?
- इतिहासविदों द्वारा बार-बार प्रमाणिक तथ्यों से यह बात भी सिद्ध हो चुकी है कि आर्यों ने कालान्तर में अपनी कूटनीति और अपने बौद्धिक व्यभिचार, दुराचार, अपचार, अत्याचार और दुष्टताओं के जरिये मूल भारतीयों के धर्म (जिसे अब हिन्दू धर्म कहा जाता है) पर जबरन कब्जा कर लिया और स्वयं हिन्दू धर्म के सर्वेसर्वा बन बैठे.
- जब तक वे वज्जि अर्हतों और गुरु जनों का संमान करते हैं, उनकी मंत्रणा को भक्तिपूर्वक सुनते हैं ; जब तक उनकी नारियाँ और कन्याएँ शक्ति और अपचार से व्यवस्था विरुद्ध व्यसन का साधन नहीं बनाई जातीं, जब तक वे वज्जिचैत्यों के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखते हैं, जब तक वे अपने अर्हतों की रक्षा करते हैं, उस समय तक हे आनंद, वज्जियों का उत्कर्ष निश्चित है, अपकर्ष संभव नहीं।