अक्षय आनन्द sentence in Hindi
pronunciation: [ akesy aanend ]
Examples
- भगवदगीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने योगी की स्थिति का वर्णन करते हुए पाँचवें अध्याय के 21 वें श्लोक में ' नाम-खुमारी' को अक्षय आनन्द कहा है और छठे अध्याय के 15, 21, 27 व 28 वें श्लोक में इसे परमानन्द पराकाष्ठावाली षान्ति, इन्द्रियातीत आनन्द, अति उतम आनन्द तथा परमात्मा की प्राप्ति रूप अनन्त आनन्द कहा है।
- आत्मा सात प्रकार के कोषों से ढकी हुई हैः-१-अन्नमय कोष (द्रव्य, भौतिक शरीर के रूप में जो भोजन करने से स्थिर रहता है), २-प्राणामय कोष (जीवन शक्ति), ३-मनोमय कोष (मस्तिष्क जो स्पष्टतः बुद्धि से भिन्न है), ४-विज्ञानमय कोष (बुद्धिमत्ता), ५-आनन्दमय कोष (आनन्द या अक्षय आनन्द जो शरीर या दिमाग से सम्बन्धित नहीं होता), ६-चित्मय कोष (आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता) तथा ७-सत्मय कोष (अन्तिम अवस्था जो अनन्त के साथ मिल जाती है)।