सौंदर्यशास्त्रीय meaning in Hindi
pronunciation: [ saunedreyshaasetriy ]
Examples
- गीत गोविन्दम ' में जयदेव द्वारा वर्णित कृष्ण के शारीरिक स्पर्श से राधा के पैरों में बंधी पायल के खनक जाने से जो रहस्य खुल जाता है , उससे कहीं ज्यादा सौंदर्यशास्त्रीय रहस्य इन लोकगीतों में मिलता है।
- 1960 के आसपास सारी दुनिया में यह महसूस किया जाने लगा था कि आधुनिकतावाद कहानी का दुश्मन है , क्योंकि वह कहानी को मनुष्य के उपयोग की वस्तु नहीं रहने देना चाहता , बल्कि एक शुद्ध कलात्मक या सौंदर्यशास्त्रीय वस्तु बनाना चाहता है।
- ' मुक्तिबोध : नक्सलबाड़ी का अवांगार्द कवि ' शीर्षक लेख मुक्तिबोध को समझने के ज़रूरी सूत्र विकसित करता है और तमाम वैचारिक और सौंदर्यशास्त्रीय जालों को साफ़ करते हुए २ ० वीं सदी के इस महान कवि के वास्तविक क्रांतिकारी आशयों को स्पष्ट करता है .
- क्या स्त्री अस्मिता सौंदर्यशास्त्रीय अवधारणाओं , अनुभवों और फैसलों को कतई प्रभावित नहीं करती ? आस्वाद , अभिव्यक्ति , उदात्तता , प्रतिभा , रस , ध्वनि , अलंकार , तनाव , जेस्चर छाया , प्रकृति , प्रगति , विवक्षा क्या जेंडर से निरपेक्ष रहते हैं ?
- विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ . शर्मा ने कहा कि संस्थान में अछूते विषयों पर अनुसंधान की परंपरा रही है और संस्थान में संपन्न सौंदर्यशास्त्रीय , शैलीवैज्ञानिक , राजभाषा संबंधी , तुलनात्मक अध्ययन , अनुवाद समीक्षा और जनसंचार माध्यम संबंधी शोध कार्यों के वैविध्य का उल्लेख किया।
- यदि ऐसा है भी तो भी क्या इस खगोलीय सर्वात्मा के अनन्तर जिज्ञासाओं और अनुसंधानों का कोई ऐसा मैदान है जो कला , कलाकार और सौंदर्यशास्त्रीय मूल्यों के बारे में विचारों की बुनावट को जेंडर के प्रभावों के मद्देनज़र आकलित करता है या कर सकता है ?
- अस्पष्टताएं या तो सौंदर्यशास्त्रीय कारणों से उत्पन्न होती हैं ( उदाहरण के लिए यह विचार कि केवल “मनभावन” अन्विति ही सुरीला हो सकती है) या “हॉर्मोनिक” (एक साथ ध्वनित होते हुए पीच) और कॉन्ट्रापुंटल (सफलता पूर्वक ध्वनित होते स्वर) के बीच फर्क बताते हुए संगीत की बुनावट के विचार के कारण.
- अस्पष्टताएं या तो सौंदर्यशास्त्रीय कारणों से उत्पन्न होती हैं ( उदाहरण के लिए यह विचार कि केवल “मनभावन” अन्विति ही सुरीला हो सकती है) या “हॉर्मोनिक” (एक साथ ध्वनित होते हुए पीच) और कॉन्ट्रापुंटल (सफलता पूर्वक ध्वनित होते स्वर) के बीच फर्क बताते हुए संगीत की बुनावट के विचार के कारण.
- हाँ , उन लोगों ने हिंदी-मानस जरुर रचा है , समालोचना के समुचित विकास के लिए यह जरुरी है कि अपनी परंपरा को न सिर्फ़ समझा जाय , वरन उसे अपने संस्कृति-सूत्र से जोड़कर उससे सौंदर्यशास्त्रीय चिंतन की ऐसी अवधारणा विकसित की जाय जो साहित्य और जन की समृद्धि के काम आ सके।
- तीसरी समस्या है , आयातित विदेशी और पश्चिमी संस्कृतियों से उन तत्वों को स्वीकार और आत्मसात करने की जो राष्ट्रीय संस्कृति को उच्चतर तकनीकी, सौंदर्यशास्त्रीय और वैज्ञानिक मानकों तक ले जाने में सहायक हों, और चौथी समस्या है उन तत्वों का परित्याग करने की जो अधःपतन, अवनति और सामाजिक प्रतिक्रिया को सोद्देश्य बढ़ावा देने का काम करते हैं।