व्रजभाषा meaning in Hindi
pronunciation: [ verjebhaasaa ]
Examples
- इसके तीन भाग हैं- रमैनी , सबद और सारवी यह पंजाबी , राजस्थानी , खड़ी बोली , अवधी , पूरबी , व्रजभाषा आदि कई भाषाओं की खिचड़ी है।
- इसके तीन भाग हैं- रमैनी , सबद और सारवी यह पंजाबी , राजस्थानी , खड़ी बोली , अवधी , पूरबी , व्रजभाषा आदि कई भाषाओं की खिचड़ी है।
- भागवत से ही स्फूर्ति तथा प्रेरणा ग्रहण कर ब्रजभाषा के अष्टछापी ( सूरदास, नंददास आदि) निबार्की (श्रीभट्ट तथा हरिव्यास) राधावल्लभीय (हित हरिवंश तथा हरिदास स्वामी) कवियों ने व्रजभाषा में राधाकृष्ण की लीलाओं का गायन किया।
- भागवत से ही स्फूर्ति तथा प्रेरणा ग्रहण कर ब्रजभाषा के अष्टछापी ( सूरदास, नंददास आदि) निबार्की (श्रीभट्ट तथा हरिव्यास) राधावल्लभीय (हित हरिवंश तथा हरिदास स्वामी) कवियों ने व्रजभाषा में राधाकृष्ण की लीलाओं का गायन किया।
- सूरदास तथा अन्य व्रजभाषा के भक्त कवियों और वार्ताकारों ने भागवत पुराण के अनुकरण पर मथुरा के निकटवर्ती वन्य प्रदेश की गोप-बस्ती को ब्रज कहा है और उसे सर्वत्र ' मथुरा', 'मधुपुरी' या 'मधुवन' से प्रथक वतलाया है।
- सूरदास तथा अन्य व्रजभाषा के भक्त कवियों और वार्ताकारों ने भागवत पुराण के अनुकरण पर मथुरा के निकटवर्ती वन्य प्रदेश की गोप-बस्ती को ब्रज कहा है और उसे सर्वत्र ' मथुरा', 'मधुपुरी' या 'मधुवन' से प्रथक वतलाया है।
- कबीर ( संवत् १ ५ ६ ० ) के प्रसंग में कहा जा चुका है कि उनकी “ साखी ' की भाषा तो ” ” सधुक्कड़ी ' है , पर पदों की भाषा काव्य में प्रचलित व्रजभाषा है।
- प्रसाद ने काव्यरचना व्रजभाषा में आरंभ की और धीर-धीरे खड़ी बोली को अपनाते हुए इस भाँति अग्रसर हुए कि खड़ी बोली के मूर्धन्य कवियों में उनकी गणना की जाने लगी और वे युगवर्तक कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
- प्रसाद ने काव्यरचना व्रजभाषा में आरंभ की और धीर-धीरे खड़ी बोली को अपनाते हुए इस भाँति अग्रसर हुए कि खड़ी बोली के मूर्धन्य कवियों में उनकी गणना की जाने लगी और वे युगवर्तक कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
- भागवत से ही स्फूर्ति तथा प्रेरणा ग्रहण कर ब्रजभाषा के अष्टछापी ( सूरदास , नंददास आदि ) निबार्की ( श्रीभट्ट तथा हरिव्यास ) राधावल्लभीय ( हित हरिवंश तथा हरिदास स्वामी ) कवियों ने व्रजभाषा में राधाकृष्ण की लीलाओं का गायन किया।