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वीभत्स रस meaning in Hindi

pronunciation: [ vibhets res ]
वीभत्स रस meaning in English

Examples

  1. प्रकृत ( अभीष्ट ) वीभत्स रस के वर्णन में विपरीतार्थक शृंगार रस को व्यंजित करनेवाला अभिसारिकापरक दूसरा अर्थ यहाँ कविता को दूषित कर गया है , जिसे अमतपरार्थता दोष कहा जाता है।
  2. ऊपर वीभत्स रस , मध्य में करुण रस और भीतर अंतिम छोर पर रौद्र रस का त्रिपादी कथारस इस कौशल से प्रवाहित हुआ है कि सहृदय सामाजिक का हृदय अभीप्सित साधारणीकरण तक सहज ही पहुँच जाता है।
  3. जो आनेजानेवाली गाड़ियों साईलैन्सर पाइप के धुवाँ या हवा के झोंके से उड़कर राहगीर मर्दों के ऊपर गिरकर उन्हें ' वीभत्स रस ' चखा कर उनमें ' श्मशान वैराग्य ' तो पैदा कर ही देते हैं।
  4. जो आनेजानेवाली गाड़ियों साईलैन्सर पाइप के धुवाँ या हवा के झोंके से उड़कर राहगीर मर्दों के ऊपर गिरकर उन्हें ' वीभत्स रस ' चखा कर उनमें ' श्मशान वैराग्य ' तो पैदा कर ही देते हैं।
  5. ( जैसे बहुत सी कहानियों या सिने कथाओं में सेक्स वर्णन , वीभत्स रस या आतंकवाद , डकैती , लूटपाट आदि के घिनोने दृश्यांकन आदि से जन मानस में उसे अपनाने की प्रवृत्ति व्याप्त हो सकती है।
  6. ( जैसे बहुत सी कहानियों या सिने कथाओं में सेक्स वर्णन , वीभत्स रस या आतंकवाद , डकैती , लूटपाट आदि के घिनोने दृश्यांकन आदि से जन मानस में उसे अपनाने की प्रवृत्ति व्याप्त हो सकती है।
  7. श्रंगार रस , वीर रस , वीभत्स रस हास्य रस आदि रस मनुस्यो के मुख से उत्पन्न होते है एवं मनुष्यो के कानो द्वारा पिये जाते है और इनके पभाव भी अवश्य ही होते है वैसे ही वेद मे एक रस है जो देव पीते है उसे सोम रस कहा जाता है।
  8. श्रंगार रस , वीर रस , वीभत्स रस हास्य रस आदि रस मनुस्यो के मुख से उत्पन्न होते है एवं मनुष्यो के कानो द्वारा पिये जाते है और इनके पभाव भी अवश्य ही होते है वैसे ही वेद मे एक रस है जो देव पीते है उसे सोम रस कहा जाता है।
  9. श्रंगार रस , वीर रस , वीभत्स रस हास्य रस आदि रस मनुस्यो के मुख से उत्पन्न होते है एवं मनुष्यो के कानो द्वारा पिये जाते है और इनके पभाव भी अवश्य ही होते है वैसे ही वेद मे एक रस है जो देव पीते है उसे सोम रस कहा जाता है।
  10. श्रंगार रस , वीर रस , वीभत्स रस हास्य रस आदि रस मनुस्यो के मुख से उत्पन्न होते है एवं मनुष्यो के कानो द्वारा पिये जाते है और इनके पभाव भी अवश्य ही होते है वैसे ही वेद मे एक रस है जो देव पीते है उसे सोम रस कहा जाता है।
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