राज-व्यवस्था meaning in Hindi
pronunciation: [ raaj-veyvesthaa ]
Examples
- पंचायती राज-व्यवस्था में ये गावं आरक्षित घोषित हो गया और इसकी सरपंच अब एक कोरकू महिला “ कुब्जा बाई ” है काफ़ी समय तक यहाँ की स्थिति जस-की-तस रही है , क्योंकि अनपढ़ होने की वजह से ' कुब्जा बाई ' को अपनी पूरी ताकत का पता नही था ।
- राजा और प्रजा के लिए बताए गए हैं , लेकिन आधुनिक राज-व्यवस्था के लिए भी सोचने-समझने की नई दिशा दे सकते हैं, खासकार किसी राज्य में धनार्जन को नियंत्रित करने का सिद्धांत है, जो इस प्रकार हैं : * राजा को आय के कानून के अनुरूप स्वयं को सीमित करना चाहिए।
- मृत्युदंड की व्यवस्था कायम रखने के पीछे राज-व्यवस्था का तर्क यह है की यह दंड , उदाहरण स्थापित करने के लिए , विरल से विरलतम परिस्थिति में , दिया जाता है , ताकि मृत्युदंड का आतंक समाज में ( अपराधियों के बीच ) बना रहे और जघन्य तथा अमानवीय अपराध न हो !
- एक सुदृढ़ सुरक्षात्मक ताकत बनाने के लिए यह जानना जरूरी है कि आज के विश्व में आंतरिक सुरक्षा के बचाव हेतु विफलता राष्ट्रों की एकता और अखंडता के लिए , उनकी राज-व्यवस्था की स्थिरता के लिए और उनके संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण के लिए अत्यंत शक्तिशाली खतरे के रूप में उभरकर सामने आई है।
- परन्तु आम जनता - आज जब किसी भी राष्ट्रीय पार्टी में बेहतर क़ानून व्यवस्था , इमानदार राज-व्यवस्था के प्रति गंभीरता नहीं दिखती , सब के सब संख्या और वोटबैंक समीकरण पर चुनाव जीतने की कोशिश मात्र करते हैं ; ऐसे में आम जन रामदेव की पार्टी को एक मजबूत विकल्प के रूप में देख रहे हैं .
- पगड़ी , सीपीयों , मोतियों से सजे चिप्स कुतरते , कोक पीते राजा ने अंग्रेजी में लिखा हैंडआउट पढ़ा कि मेघालय के सभी पचीस राज्यों में जनमत बनाया जा रहा है कि भारत सरकार संविधान में संशोधन कर वहां की पुरानी राज-व्यवस्था बहाल कर दे क्योंकि वह हर लिहाज से वर्तमान भ्रष्ट और अन्यायी लोकतंत्र से काफी बेहतर पाई गई है।
- राज-व्यवस्था के क्षेत्र में भारत ( तत्कालीन आर्यावर्त ) ही एकमात्र वह देश है , जहाँ मनुस्मृति से प्रारंभ होकर याज्ञवल्क्यस्मृति , नारदस्मृति , पाराशरस्मृति और कौटिल्यीय अर्थशास्त्र तक जो भी राजा , राजपरिषद् , राजकीय कर-विधान , दंड-व्यवस्था आदि के मानदंड दिए गए , वे आज भी लगभग संसार के सभी देशों के संविधान में किसी-न-किसी रूप में पाए जाते हैं।
- उन्होंने राज्य की तुलना एक व्यक्ति से की थी , और बताया था कि जिस प्रकार एक व्यक्ति के भीतर इन्द्रियबोध ( sensation ) , चित्तवृत्ति ( emotion ) , और बुद्धि ( intelligence ) के बीच उचित तालमेल से ही उसका सन्तुलित और स्वस्थ जीवन सम्भव है , उसी प्रकार राज्य के विभिन्न अवयवों के आपसी सामन्जस्य से ही न्यायपूर्ण राज-व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।
- राजा शब्द सुनते ही हमें प्रायः वंशानुगत परम्परा की याद आती है , पर स्वामी दयानंद ने राज-व्यवस्था में राजा को ‘ सभापति ‘ कहा है और ( वर्तमान विधायिका , कार्यपालिका एवं न्यायपालिका की तरह ही ) तीन ‘ सभाओं ' की चर्चा की है जिसमें राजा अर्थात सभापति को ‘ सभाओं के अधीन ‘ एवं ‘ सभाओं को प्रजा के अधीन ‘ रखने की बात की है।
- ● वह अलग-थलग रहने वाला एकांतप्रिय मनुष्य जिसमें किसी ने चालीस वर्ष तक राजनीतिक रुचि की गंध भी न पाई थी यकायक इतना महान सुधारक और विधिकार बनकर प्रकट हुआ कि 23 वर्ष के भीतर उसने 12 लाख वर्ग मील के क्षेत्र में फैली हुई मरुभूमि के असंगठित , लड़ाकू , मूर्ख , स्वच्छंद , असभ्य और आपस में सदा लड़ने वाले गोत्रों को रेल , तार , रेडियो और प्रेस की सहायता के बिना एक धर्म , एक सभ्यता , एक विधान और एक राज-व्यवस्था के अधीन बना दिया।