×

रस मलाई meaning in Hindi

pronunciation: [ res melaae ]
रस मलाई meaning in English

Examples

  1. खाद्य सुरक्षा अधिकारी आसमदीन के अनुसार बजाजा बाजार स्थित प्यारेलाल की दुकान से रसगुल्ले व रस मलाई के दो , घंटाघर स्थित अभिषेक डेयरी के यहां से घी का और चर्च रोड स्थित मानसिंह कृपा दयाल की दुकान से काजू की कतरी का सैंपल लिया है।
  2. निशा : लवी, छैना ताजा न हो या अच्छी तरह न मला गया हो तो इस तरह घुल सकता है, आप इसे छान कर थोड़ा चीनी पाउडर मिलाइये और खाकर खतम कीजिये, फिर से रस मलाई बनाने की कोशिश कीजिये, अगली बार आप रसमलाइ अच्छी बना सकेंगी.
  3. अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बो अस्सी नब्भे पूरे सौ सौ में लगी बिल्ली बिल्ली भागी दिल्ली बोले शेख चिल्ली खेले डंडा गिल्ली गिल्ली गई टूट बच्चे गए रूठ बच्चों को मनाएंगे रस मलाई खायेंगे रस मलाई अच्छी हमने खायी मच्छी मच्छी में काँटा पड़ेगा ज़ोर से चांटा
  4. अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बो अस्सी नब्भे पूरे सौ सौ में लगी बिल्ली बिल्ली भागी दिल्ली बोले शेख चिल्ली खेले डंडा गिल्ली गिल्ली गई टूट बच्चे गए रूठ बच्चों को मनाएंगे रस मलाई खायेंगे रस मलाई अच्छी हमने खायी मच्छी मच्छी में काँटा पड़ेगा ज़ोर से चांटा
  5. प्यारे भाई ! आपकी चाय में वही मज़ा था जो श्रीमती शरद कोकास जी की दाल , नन्ही कोंपल की रस मलाई , पाबला जी के अनार जूस और अनिल पुसदकर जी की स्कॉच में था .......... प्यार ! मेरे भाई ! प्यार बहुत बड़ी चीज़ है .
  6. अगले दिन जब नाई दुकान पर पहुचा तो दरवाजे पर उसने पाया एक दर्जन रस मलाई और साथ में एक “धन्यवाद” कार्ड ।एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर ने कटिंग कराया पैसे देने पर नाई ने पैसे लेने से इनकार कर दिया यह कह कर की वो समाज सेवा कर रहा है ।
  7. वेट लिफ्टिंग में काजू किशमिश रस मलाई खाकर जितना बजन दो सेकिण्ड को उठाकर रस मलाई खाने वाली शहरी महिला ओलंपिक में सोना जीतती है , क्या रूखा सूखा खाने वाली ग्रामीण महिला जितना बजन या घास का गट्ठा 2-3 कि0मी0 दूर से लाती है ,क्या उतना बजन शहरी महिला ला सकती है?
  8. वेट लिफ्टिंग में काजू किशमिश रस मलाई खाकर जितना बजन दो सेकिण्ड को उठाकर रस मलाई खाने वाली शहरी महिला ओलंपिक में सोना जीतती है , क्या रूखा सूखा खाने वाली ग्रामीण महिला जितना बजन या घास का गट्ठा 2-3 कि0मी0 दूर से लाती है ,क्या उतना बजन शहरी महिला ला सकती है?
  9. ये हवा चौपट ये हवा चौपट हमारे देश में क्यों बह रही ? रस मलाई है जो , अपने को जिलेबी कह रही ॥ हुस्न परदे से झलकता काबिले तारीफ़ है , किस लिए वह ज़माने की बेहयाई सह रही ॥ इल्म हासिल कर ,वफ़ा की राह पर चलते रहो , बुजुर्गों ने जो बनायी थी ईमारत ढह रही ॥ ये हवा चौपट ............................ ॥ व्यंग्य - घोषणा ही तो है...
  10. ये हवा चौपट ये हवा चौपट हमारे देश में क्यों बह रही ? रस मलाई है जो , अपने को जिलेबी कह रही ॥ हुस्न परदे से झलकता काबिले तारीफ़ है , किस लिए वह ज़माने की बेहयाई सह रही ॥ इल्म हासिल कर ,वफ़ा की राह पर चलते रहो , बुजुर्गों ने जो बनायी थी ईमारत ढह रही ॥ ये हवा चौपट ............................ ॥ व्यंग्य - घोषणा ही तो है...
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.