मुद्रा-स्फीति meaning in Hindi
pronunciation: [ muderaa-sefiti ]
Examples
- मुद्रा-स्फीति , रिसेशन , खेल आयोजन , कश्मीर आतंक, वहां के विद्यार्थी जो पढने के बजाये हिन्दुस्तान का झंडा का जला रहे हैं , अपनी ही सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा-कर्मियों को पत्थरों से मार रहे हैं।
- विकासशील देश परिवर्तनीय मुद्रा एवं द्रव्य-पूँजी की कमी , मुद्रा के अवमूल्यन, ऋणों के बोझ, ब्याज की बढ़ती हुई दरों आदि के कारण मुद्रा-स्फीति का सामना कर रहे हैं तथा उनका आर्थिक स्वरूप टूटने की स्थिति में है।
- दावा तो नहीं पर विश्वास है कि देश की अस्सी फीसदी जनता तो जानती भी नहीं है कि यह मुद्रा-स्फीति किस बला का नाम है , और सेन्सेक्स की उत्तेजना किस वियाग्रा को खाने से बढ़ती है !!
- मुद्रा-स्फीति , रिसेशन , खेल आयोजन , कश्मीर आतंक , वहां के विद्यार्थी जो पढने के बजाये हिन्दुस्तान का झंडा का जला रहे हैं , अपनी ही सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा - कर्मियों को पत्थरों से मार रहे हैं ।
- मंहगाई की आग में पेट्रोल और डीज़ल भी भभक रहे हैं और सरकार ने इसे बुझाने की जिम्मेदारी RBI को सौंप दी है , जिसने पिछले दो वर्षों में ग्यारह बार ब्याज दरें बढा दी हैं ! क्या इससे रुकेगी मुद्रा-स्फीति ?
- आम जनता न तो अर्थशास्त्र की सैद्धान्तिकी समझती है और न ही उसे सेन्सेक्स की उत्तेजना से कोई फर्क पड़ता . दशमलव के इर्द-गिर्द , मुद्रा-स्फीति किस तरह से ठुमके लगाती है , आम जनता का मन इससे भी नहीं बहलता .
- आम जनता न तो अर्थशास्त्र की सैद्धान्तिकी समझती है और न ही उसे सेन्सेक्स की उत्तेजना से कोई फर्क पड़ता . दशमलव के इर्द-गिर्द , मुद्रा-स्फीति किस तरह से ठुमके लगाती है , आम जनता का मन इससे भी नहीं बहलता .
- छोन्ट्रोल् ) :-- मुद्रा-स्फीति काल में मूल्यों में होने वाली वृद्धि को नियन्त्रित करनेके लिए तथा मुद्रा में जनता का विश्वास बनाये रखने के लिए सरकार कीनियन्त्रण प्रक्रिया में वृद्धि होती है जैसे राशनिंग व्यवस्था को लागूकरना तथा वस्तुओं का अधिकतम मूल्य निर्धारित कर देना आदि-आदि.
- गेलब्रेथ ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक आङ्ङ्लुएन्ट् शोचिएट्य् मेंनैतिक पतन को व्यक्त करते हुए लिखा था कि " मौद्रिक आय की दृष्टि से अगरविचार किया जाये तो जिस समाज में लगातार मुद्रा-स्फीति बनी रहती है उसमेंनिःसन्देह शिक्षक, धर्मगुरू या पुलिस का कार्य करने की अपेक्षा सट्टेबाजीया वैश्या-~ वृति करना अधिक उपयुक्त होगा.
- युद्ध के बाद , जर्मनी का बहुत सारा सोना हर्जाना चुकाने में चला गया था, इसीलिए वह रिच्समार्क्स (Reichsmarks) सोने का उत्पादन नहीं कर सकता था और उसे बगैर किसीके सहयोग के कागज के पैसे जारी करने के लिए मजबूर किया गया, इससे 1920 में बेलगाम मुद्रा-स्फीति का सामना करना पड़ा.