मंगलदायक meaning in Hindi
pronunciation: [ mengaledaayek ]
Examples
- हे हमारे कपटी मित्र ! उन सब का ध्यान करना भी मंगलदायक है , उसके बाद तुमने एकान्त में हृदयस्पर्शी ठिठोलियाँ की और प्रेम की बातें की , अब वह सब बातें याद आकर हमारे मन को क्षुब्ध कर रही हैं।
- गणेशपुराण के अनुसार प्रत्येक युग में गणेश के रूप में परिवर्तन होता है नाम वर्ण , वाहन आदि बदलते हैं किंतु तात्विक रूप से वे आदि पूज्य विघ्नेश्वर , मंगलदायक सिद्धिदाता तथा बुद्धिविधाता विनायक के रूप में अग्रपूजा के अधिकारी रहे हैं।
- गणेशपुराण के अनुसार प्रत्येक युग में गणेश के रूप में परिवर्तन होता है नाम वर्ण , वाहन आदि बदलते हैं किंतु तात्विक रूप से वे आदि पूज्य विघ्नेश्वर , मंगलदायक सिद्धिदाता तथा बुद्धिविधाता विनायक के रूप में अग्रपूजा के अधिकारी रहे हैं।
- आज सुबह सुबह आपका यात्रा संस्मरण पढ़कर दिन की बहुत अच्छी शुरुआत हुयी . ...प्रयागराज का चित्रात्मक वर्णन यूँ लगा जैसे थोड़ी देर के लिए वे सारे दृश्य हमारी आँखों के सामने आ गए,सहृदय पंडित जी के साथ गुजारा आपका वक़्त निश्चय ही बहुत मंगलदायक होगा..
- उच्छल जलधि तरं ग तव शुभ नामे जाग े तव शुभ आशिष माँग े गाहे तव जय गाथ ा जन गण मंगलदायक जय ह े भारत भाग्य विधात ा जय ह े , जय ह े, जय ह े जय जय ज य, जय ह े * राष्ट्रगान का गायन समय 52 सेकंड है।
- चाँदी की छोटी-सी चौकी पर , पत्थर के चकले से घिस कर बनाए चंदन की लकड़ी के लेप का तिलक किए , शुभ और मंगलदायक गणपति की सोने के महीन तार में सुसज्जित , काँच की वरद मूर्ति , नारियल , शंख केसर , रोली , मौली , नैवेद्य , चरणामृत समर्पित किया।
- उच्छल जलधि तरं ग तव शुभ नामे जाग े तव शुभ आशिष माँग े गाहे तव जय गाथ ा जन गण मंगलदायक जय ह े भारत भाग्य विधात ा जय ह े , जय ह े, जय ह े जय जय ज य, जय ह े * राष्ट्रगान का गायन समय 52 सेकंड है।
- राष्ट्रगान इस प्रकार है- जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्रविड़ उत्कल बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे तव शुभ आशीष माँगे गाहे तव जय गाथा जन गण मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता जय हे , जय हे, जय हे जय जय जय, जय हे!!! * राष्ट्रगान का गायन समय 52 सेकंड है।
- नियमों का उल्लेख किया जाता है | वास्तु निर्माण में इनका प्रयोग करने पर वास्तु व्यक्ति के लिए सब प्रकार से शुभ , समृद्धि कारक एवम मंगलदायक होता है |आजकल के तथाकथित वास्तु शास्त्रियों द्वारा जनसाधारण को व्यर्थ के बहम में डालने वाले तथा अपने ही गढे हुए नियमों पचडे में न पड़ कर केवल इन्हीं शास्त्रीय नियमों का पालन करने पर वास्तु सब प्रकार से शुभ होता है।
- डा साहेब , नूतन -वर्ष आप और आपके परिवार के लिए मंगलदायक हो | और आपकी लेखनी ईसी तरह हमारा मार्ग -दर्शन करती रहे | '' कोंन कर सका है बंद रौशनी निगाहों मे | कोन रोक सका है गंध बीच राहो मे | हर जाती ' संध्या ' कि अपनी मजबूरी है - कोनस बाँध सका है नव -वर्ष के आगमन को ? ” हार्दिक शुभ कामनाओ sहि त. ....