बहुमंज़िला meaning in Hindi
pronunciation: [ bhumenjeilaa ]
Examples
- दर असल यह चैपल युनाइटेड नेशन्ज़ के हैडक्वार्टर की इमारत को मुख़ातिब करता सड़क के इस छोर खड़ी एक बहुमंज़िला बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर का एक हॉल है जहाँ करीबन दो सौ लोग इकट्ठा बैठ सकते हैं।
- इस बहुमंज़िला इमारत में जाने पर ही पता लगता है कि चाइना टाउन में चीन का पारंपरिक सामान मिलता है- जैसे हाथ से बने पंखे , सुंदर नक्काशी वाली चॉपस्टिक, हाथ से बने लैंप शेड और भी बहुत कुछ.
- मुझे लगता था इस नफ़ासत भरे शख़्स से मेरी लम्बी निभेगी मग़र बहुत समय नहीं बीता था जब मार्च सत्तनवे के एक दिन लखनऊ आकाशवाणी दफ़्तर से लगी हुई बहुमंज़िला ओ . सी.आर. बिल्डिंग से कूदकर उन्होंने अपनी जान दे दी.
- वाराणसी . आधुनिक बहुमंज़िला इमारतों में बिजली चालित लिफ्ट की परिकल्पना भले ही पश्चिमी देशों ने की हो भारत में भी 18 वीं शताब्दी के आखिर में दरभंगा नरेश ने यांत्रिक लिफ्ट की परिकल्पना ही नहीं निर्माणकर उपयोग भी किया था।
- ” यहाँ फ़र्क यह है कि आप ‘ स्वर्ग ' से बाहर की ज़िंदगी का अस्तित्व मानते ही नहीँ लेकिन इनके ‘ नरक ' मेँ भी ज़िंदगी के लिए जितनी बड़ी जगह है उतनी अलीशान बहुमंज़िला इमारतों मेँ भी नहीँ .
- खंडपीठ ने ये विषय भी बड़ी पीठ पर छोड़ दिया है कि उन बिल्डरों को पक्षकार बनने का मौक़ा दिया जाए या नहीं जिन्हें बहुमंज़िला रिहायशी इमारतें और फ़ॉर्म हाउस आदि बनाने के लिए प्राधिकरण ने किसानों की ज़मीन मुहैया करवा ई .
- यह याद करना दिलचस्प है अपनी चित्र यात्रा की शुरूआत जगमोहन ने स्याही रेखांकनों द्वारा शहरी भवनों , बहुमंज़िला इमारतों और महानगरीय आकाश-रेखा पर अक्सर दिखते दृश्यों से की थी, बाद में वही महानगर-बोध उनकी बाद की चित्र-श्रंखलाओं में पक्षियों के रूप में उभरा।
- यह याद करना दिलचस्प है अपनी चित्र यात्रा की शुरूआत जगमोहन ने स्याही रेखांकनों द्वारा शहरी भवनों , बहुमंज़िला इमारतों और महानगरीय आकाश-रेखा पर अक्सर दिखते दृश्यों से की थी, बाद में वही महानगर-बोध उनकी बाद की चित्र-श्रंखलाओं में पक्षियों के रूप में उभरा।
- यह याद करना दिलचस्प है अपनी चित्र यात्रा की शुरूआत जगमोहन ने स्याही रेखांकनों द्वारा शहरी भवनों , बहुमंज़िला इमारतों और महानगरीय आकाश-रेखा पर अक्सर दिखते दृश्यों से की थी, बाद में वही महानगर-बोध उनकी बाद की चित्र-श्रंखलाओं में पक्षियों के रूप में उभरा।
- यह याद करना दिलचस्प है अपनी चित्र यात्रा की शुरूआत जगमोहन ने स्याही रेखांकनों द्वारा शहरी भवनों , बहुमंज़िला इमारतों और महानगरीय आकाश-रेखा पर अक्सर दिखते दृश्यों से की थी, बाद में वही महानगर-बोध उनकी बाद की चित्र-श्रंखलाओं में पक्षियों के रूप में उभरा।