प्रदीपिका meaning in Hindi
pronunciation: [ perdipikaa ]
Examples
- वेद , उपनिषद्, भगवद गीता, हठ योग प्रदीपिका, योग दर्शन, शिव संहिता और विभिन्न तंत्र ग्रंथों में योग विद्या का उल्लेख मिलता है।
- वैसे तो हठयोग साधना का वर्णन अनेक ग्रंथों में किया गया है , लेकिन इसका सबसे विस्तृत वर्णन हठयोग प्रदीपिका और घेरण्ड संहिता में मिलता है।
- हठयोग योग , योग की एक विशेष प्रणाली है जिसे 15वीं सदी के भारत में हठ योग प्रदीपिका के संकलक, योगी स्वत्मरमा द्वारा वर्णित किया गया था.
- हठयोग योग , योग की एक विशेष प्रणाली है जिसे 15वीं सदी के भारत में हठ योग प्रदीपिका के संकलक, योगी स्वत्मरमा द्वारा वर्णित किया गया था.
- इनमें दो हजार वर्ष पुराने पंतजलि योग सूत्र , भगवद् गीता, अष्टांग हृदय, हठ प्रदीपिका, घेरंड संहिता और सांद्र सत्कर्म जैसे प्राचीन ग्रंथों से संदर्भ लिए गए हैं।
- हठयोग प्रदीपिका ” के अनुसार ' ह ' का अर्थ सूर्य और ' ठ ' का अर्थ है चन् द्रमा और दोनों को जोड़ का नाम हठयोग है।
- हठयोग के बहुत से ग्रंथ जैसे हठयोग प्रदीपिका , गोरख पद्धति तथा शिव संहिता में शरीर को ताकतवर और साधना के अनुरूप बनाने की विधियां दी हुई हैं।
- गोरखनाथ जी की लिखी हुइ पुस्तकेँ हैँ , गोरक्ष गीता, गोरक्ष सहस्त्र नाम, गोरक्ष कल्प, गोरक्ष~ सँहिता, ज्ञानामृतयोग, नाडीशास्त्र, प्रदीपिका, श्रीनाथसूस्त्र,हठयोग, योगमार्तण्ड, प्राणसाँकली, १५ तिथि, दयाबोध इत्यादी -
- वर्तमान काल मे इस विष्य पर जो ग्रन्थ प्राप्त होते है उन मे हठ योग प्रदीपिका , योग दर्शन, गोरख संहिता, हठ योग सार, तथा कुण्ड्क योग प्रसिद्ध हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है , लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएँ हैं।