प्रकृष्ट meaning in Hindi
pronunciation: [ perkeriset ]
Examples
- विषयवती वा प्रवृत्तिरुत्पन्ना मनस : स्थितिनिबन्धनी ॥ 1 / 35 ॥ गन्ध आदि विषयों वाली अथवा प्रकृष्ट वृत्ति - व्यापार उत्पन्न हुई मन की स्थिति का कारण होती है।
- प्राचीन नैय्यायिक की दृष्टि में असाधारण कारण का परिष्कार क्रिया की सिद्धि में जो प्रकृष्ट उपकारक हो उसे करण कहकर किया गया है , जो यहाँ इन्द्रियार्थ सन्निकर्ष होता है।
- प्र उपसर्गपूर्वकयज्धातुसे प्रयाग शब्द निष्पन्न होता है-उत्कृष्टो यागोयत्र स : प्रयाग: प्र का अर्थ है प्रकृष्ट तथा याग शब्द का अर्थ है यज्ञ, अत:उत्कृष्ट यज्ञ के कारण ही प्रयाग शब्द निष्पन्न है।
- वह सुषुप्ति जिसका स्थान है तथा जो एकभूत प्रकृष्ट ज्ञानस्वरूप होता हुआ ही आनन्दमय , आनन्द का भोक्ता और चेतनारूप मुख वाला है वह प्राज्ञ ही आत्मा का तीसरा पाद है .
- क्योकि इन सबका सम्बन्ध प्रपञ्चनात्मक ( प्र-अर्थात प्रकृष्ट या बड़े , पञ्च- क्षिति , जल , अग्नि , पाषाण एवं वायु , आत्मक- अर्थात घिरा हुआ ) तत्वों से भरा हुआ है .
- यही कार्य जब किसी विशेष सुव्यवस्थित , सुनियोजित , संतुलित एवं क्रमिक रूप में विशाल स्तर पर होता है तो उसे प्र ( प्रकृष्ट या बड़ा ) कृति या प्रकृति कहते है .
- पार ब्रह्म परमेश्वर ने अपनी प्रकृष्ट रचना “ प्रकृति ” के सहारे प्रत्येक अलक्ष्य या परिलक्ष्य प्रक्रिया या संचार के पूर्ण विकाश एवं स्थायित्व के लिये ठोस , उचित एवं पर्याप्त प्रबंध कर रखा है .
- फिर वे कहने लगे- ' कौन समुद्र को लाँघकर समस्त वानरों को जीवन-दान देगा?' वानरों की जीवन-रक्षा और श्रीरामचन्द्र जी के कार्य की प्रकृष्ट सिद्धि के लिये पवन कुमार हनुमान जी सौ योजन विस्तृत समुद्र को लाँघ गये।
- जो मूर्ख ( परीक्षा द्वारा ) प्रकृष्ट वक्ता का निर्णय किये बिना प्रश्न करता है , वह अधम प्रश्नकर्ता है और वह आत्मज्ञानरूप महान अर्थ का पात्र नहीं हो सकता अर्थात् उसे कभी तत्त्वज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता।
- फिर वे कहने लगे- ' कौन समुद्र को लाँघकर समस्त वानरों को जीवन-दान देगा ? ' वानरों की जीवन-रक्षा और श्रीरामचन्द्र जी के कार्य की प्रकृष्ट सिद्धि के लिये पवन कुमार हनुमान जी सौ योजन विस्तृत समुद्र को लाँघ गये।