पाण्डुरोग meaning in Hindi
pronunciation: [ paaneduroga ]
Examples
- उत्तर दिशा में राजरोग , पाण्डुरोग का गृह है, ईशानकोण में शिर के रोग है, अग्रिकोण में मूर्छारोग है, नैऋत्यकोण में अतिसार रोग, वायव्य कोण में शीतज्वर, दाहज्वर इस प्रकार अनेक व्याधिया रहती हैं।
- भैषज्य रत्नावली के अनुसार ये संग्रहणी , अरुचि, शूल, श्वास, खांसी, भगन्दर, वात व्याधियों, क्षय, वमन, पाण्डुरोग, कामला, कुष्ठ, प्रमेह, मंदाग्नि, समस्त उदर रोग, शकर, पथरी, मूत्रकृच्छ तथा धातुक्षीणता आदि व्याधियों को नष्ट करता है।
- इंद्र कमल ( चंपा) के रंग चम्पई (श्वेत-पीत का मिश्रण) से जुड़े विशेषण नायिकाओं के लिये गर्व के प्रतीक हैं किन्तु पुरुष को मिलें तो निर्बलता, अक्षमता, नपुंसकता या पाण्डुरोग (पीलिया ) इंगित करते हैं.
- यह अग्नि दीपक है , पाण्डुरोग तथा जीर्णकास निवारक है , किसी भी प्रकार के ज्वर को समूल नष्ट करती है तथा कुष्ठ रोग का निवारण व कृमियों को मारने का कार्य करती है ।
- यह अग्नि दीपक है , पाण्डुरोग तथा जीर्णकास निवारक है , किसी भी प्रकार के ज्वर को समूल नष्ट करती है तथा कुष्ठ रोग का निवारण व कृमियों को मारने का कार्य करती है ।
- · पालक के पत्तों में पर्याप्त औषधीय गुण विद्यमान है | पालक में लोह और ताम्बे के अंश होने के कारण यह पाण्डुरोग के लिए पथ्य है | यह रक्त को शुद्ध व हड्डियों को मजबूत बनाती है |
- · पालक के पत्तों में पर्याप्त औषधीय गुण विद्यमान है | पालक में लोह और ताम्बे के अंश होने के कारण यह पाण्डुरोग के लिए पथ्य है | यह रक्त को शुद्ध व हड्डियों को मजबूत बनाती है |
- दूषित एवं प्रसाधित जल को जो पीता है , वह शोप , पाण्डुरोग , वगरोगअजीर्ण , श्वास , कास , प्रतिब्याय , शूल , गुल्म , उदर रोग तथा अनेक प्रकार के विषम रोगों से शीघ्र ही ग्रस्त होता है।
- दूषित एवं प्रसाधित जल को जो पीता है , वह शोप , पाण्डुरोग , वगरोगअजीर्ण , श्वास , कास , प्रतिब्याय , शूल , गुल्म , उदर रोग तथा अनेक प्रकार के विषम रोगों से शीघ्र ही ग्रस्त होता है।
- इंद्र कमल ( चंपा ) के रंग चम्पई ( श्वेत-पीत का मिश्रण ) से जुड़े विशेषण नायिकाओं के लिये गर्व के प्रतीक हैं किन्तु पुरुष को मिलें तो निर्बलता , अक्षमता , नपुंसकता या पाण्डुरोग ( पीलिया ) इंगित करते हैं .