पर्दानशीन meaning in Hindi
pronunciation: [ perdaaneshin ]
Examples
- जिस कब्र पर एक पर्दानशीन औरत बडे लिहाज से आकर सवेरे-सवेरे बेला और चमेली के फूल चढा जाती , घूम-घूमकर उसके फेरे लेती और माथा टेककर कुछ कदम उदास-उदास-सी चलकर एकदम तेजी से मुडकर बिसातियों के मुहल्ले में खो जाती।
- इन औरतों के बीच काम करने पहुंची स्वंयसेवी संस्था ‘ विभावरी ' ने उनमें वो आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति पैदा की कि सदियों से पर्दानशीन मानी जाने वाली ये बंजारा औरतें दहलीजों से निकलकर गेती-फावड़ा उठाकर तालाब खोदने में जुट गईं।
- इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जहां महिला मतदाता भारी संख्या में हैं और उनमें पर्दानशीन औरतों की संख्या काफी है ऐसे केन्द्रों पर महिला मतदाताओं की पहचान के लिए महिला मतदान अधिकारी नियुक्ति कीे जानी चाहिए।
- यह कि वादिया एक विधवा व पर्दानशीन औरत है अतः प्रतिवादी ने वादी की माता की कमजोरी का नाजायज फायदा उठाकर गली को हडप करना चाहते है और उसे बन्द करके वादी के मकान के पानी के बहाव को रोकने के इरादे से नाली तोडना चाहते है।
- आधुनिक औरंगाबाद ईस्लामिक परिवेश को बनाए रखता है और आज भी पुराने समय के गौरव को बनाए रखते हुए पर्दानशीन औरतें ( बुरके में) चौक क्षेत्र में घूमती हैं, मस्जिद के पुजारी की अजान भीड़ और व्यस्त यातायात में भी सुनी जा सकती है, शुक्रवार के दिन धार्मिक प्रार्थना के लिए बड़ी भीड़ मस्जिद की ओर आती है।
- उसे लगा कि वह हवा भी वैसी ही है जो अपने साथ यहां लाई थी मूरों को , पर साथ ही लाई थी रेगिस्तान की गंध भी और पर्दानशीन औरतों को और उन तमाम लोगों को, जो सोने और पिरामिडों की तलाश में, किसी अनजाने को खोजते हुए, अपना पसीना बहाते, बड़े साहस के साथ यहां आए थे ।
- जब उनकी मां को इस अफवाह की जानकारी मिली कि अली बंधु माफी मांग कर जेल से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं ( यह कोरी अफवाह ही थी ) तो एक पर्दानशीन महिला होने के बावजूद उन्होंने एक सार्वजनिक मंच से घोषणा की कि अगर मेरे पुत्रों ने ऐसा कुछ किया तो मैं उनका दूध माफनहीं करूंगी .
- वही बसपा के कददावर व धनाड््य नेता पूर्व पर्यटन मंत्री और वर्तमान पर्दानशीन एम . एल . सी . भी न तो दलितो के बीच गये यहां तक कि २ ७ घरो के हजारो स्त्री पुरुष बच्चे आगजनी के चलते खुले आसमान के नीचे जीवन गुजार रहे है उनमें कई गर्भवती महिलाएं है कुछ असक्त वृद्ध स्त्री पुरुष है उनकी सुधि लेना तो दूर घटना की निंदा तक से सपा बसपा के नेता परहेज कर रहे है ।
- उदभ्रांत की कविता ' तवायफ़ ' इसी सत्य को उजागर करती है - “ क्या एक तवायफ़ / जिस्म का सौदा करते समय / करती है आत्मा की भी ? / क्या एक तवायफ़ जानती है / कि वह पैदा नहीं हुई / उसे बनाया गया समाज के / उच्च पदासीन / पर्दानशीन / सभ्य कहे जाते / धर्म के ठेकेदारों द्वारा ही ? ” ( उदभ्रांत ; ' तवायफ़ ' प्रगतिशील वसुधा- ६ ९ ; पृ . ४ ५ )