दुश्चिन्ता meaning in Hindi
pronunciation: [ dushechinetaa ]
Examples
- ज्ञानजी के दैनिक गंगादर्शन और रेलपरिचालन की रंगीन तस्वीरें भी लुभावनी हैं तो सत्यार्थमित्र के फीके रंग पर कार्तिकेय की छमाही दुश्चिन्ता भी आकर्षित करने वाली है।
- वह करुणामयी के हाथ का बना हुआ आदमी है इसलिए मन कितना ही दुश्चिन्ता ग्रस्त क्यों न हो , हाथ के काम में कहीं भूल-चूक नहीं होती।
- वहाँ नर्सिंग अच्छी होती है - हुँह ! अब इतने बड़े आदमी को उस नर्क में ले जाऊँगी तो कैसा लगेगा ! अपनी उस दुश्चिन्ता में यह पूछना भी याद न रहा कि मीता कहाँ है।
- ‘ न रहेगा बांस , न बजेगी बांसुरी ' -जब दुश्चिन्ता ही नहीं रहेगी तो फिर कौन हानि पहुंचा सकता है आपको इससे मुक्ति पाने मे विलम्ब करना ‘ स्वयं अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारना है '
- अक्सर रविवार की रात्रि में और मंगलवार को प्रात : काल के समय क्रोध एवं मानसिक दुश्चिन्ता बढती हुई प्रतीत होगी इस अवधि में पारिवारिक व व्यापारिक जीवन की नवीनतम रूचियों को स्थगित करना ही आपके लिए अधिक उत्तम रहेगा.
- हो सकता है आपको कोई बीमारी हो जिसका निदान नहीं हुआ है , जैसे एनीमिया , थायरौड की समस्यायें , स्लीप आप्निया ( नीद में कुछ समय के लिये साँस बन्द होना ) , रेस्टलेस लेग्स ( पैरो में बेचैनी की बीमारी ) , एन्साइटी ( दुश्चिन्ता ) या उदासीनता।
- उस दिन प्रतिक्रिया देने के ख्याल से आया था पर आपका ब्लॉग गायब होकर मेरा मनोबल तोड़ गया ! आपकी सारी दुश्चिंताओं के साथ एक दुश्चिन्ता , जंगल की आग की तर्ज पर ! हेडर चित्र में दिख रही ट्रेन के दोनों तरफ की सूखी घास पर अगर कोई यात्री जलती हुई सिगरेट फेंक दे तो...?
- अन्यथा अनेक चित्रों , चरित्रों, समस्याओं, घटनाओं और गल्प-गुच्छों से नियोजित उपन्यास का कथानकअगरस्वाभाविक गति से और आगे बढ़ा होता, विस्तार की दुश्चिन्ता यासमापन की लाचारीसे प्रेमचंद मुक्त हो सकते, तो सम्भव है, गोदानकुछ बड़ा होता या उसका कोईऔर भाग होता, लेकिन उच्चवर्गीय स्वाधीनता-संग्रामके समारोह के नीचे सतह परचलनेवाली भारतीय जनता की असली लड़ाई का सहीनक्शा हमारे हाथ आता.
- वृहद पीठ के गठन मे , किसी और की नही , सिर्फ़ और सिर्फ़ आनरेबल चीफ़ जस्टिस की मर्जी चलनी थी और वही हुआ , इस सन्दर्भ मे हमें किसी प्रकार की दुश्चिन्ता पालने या निराश होने के बजाय आनेवली परिस्थिति का सामना अपनी सर्वोत्तम तैयारी और प्रयास से करने के लिये एकजुट और संगठित हो जाना चाहिये .
- मैंने यह सीखा कि कर्मनिष्ठ जीना जरूरी है अभाव , दुश्चिन्ता , असफलता , विखराव , असंतोष अकर्मण्यता एक मजबूरी है अच्छे से जीने के लिए यह सोच भी कि समाज से जो कुछ लिया उसमें से कितना वापस किया विसंगतियां छाई रही मस्तिष्क-मन पर बहुत सारा जीवन निजता , मिथ्या भ्रम में बिता दिया संभवतः इसीलिए समझ नहीं सका ठीक ठीक जीने की प्रक्रिया जो सफलता और असफलता के बीच की दूरी है।