जीवनावश्यक meaning in Hindi
pronunciation: [ jivenaavesheyk ]
Examples
- मणिपुर की देशभक्त जनता तो उन अलगाववादियों द्वारा किये गये प्रदीर्घ नाकाबंदी में जीवनावश्यक वस्तुओं के घोर अभाव में तड़पती , राहत के लिए गुहार लगाते-लगाते थक गयी , निराशा के कारण प्रक्षुब्ध हो गयी।
- पुराने ज़माने में जब कोई खाने पीने या जीवनावश्यक वस्तुओं से भरा मालवाही जहाज़ केपटाउन शहर में प्रवेश करता था , आम जनता को सूचना देने के लिए इस तोप का इस्तेमाल किया जाता था।
- महंगाई के सरकारी आकडे पूरा सच नहीं बताते क्यूंकि यह आंकड़े कई वस्तुओं की औसत कीमत में वृद्धि को दर्शाते हैं , और यह बात छुपाते हैं कि जीवनावश्यक वस्तुओं की कीमतें अन्य कीमतों के मुकाबले बहुत तेज़ी से बढ़ी हैं.
- हीरो की ज़रुरत है नीरो की नहीं हिंदुस्तान के जिस राज्य को विशेषाधिकार प्राप्त राज्य घोषित किया गया है जहां जीवनावश्यक वस्तुएं सस्ते दामों पर मुहैया कराई जाती हैं आज उस राज्य में आग के गोले बरस रहे हैं ।
- फलस्वरूप पुन : अभिनव वस्तुओं का अध्ययन सर्वथा नियंत्रित अवस्था में आरंभ हुआ तथा ऊतक विज्ञान के अंतर्गत कई नवीन प्रयोग हुए, उदाहरणार्थ 'टिश्यू कल्चर' (Tissue culture), 'माइक्रोमैनीपुलेशन' (Micro-manipulation), 'माइक्रो सिनेमेटोग्राफी' (Micro-cinematography), अंतर जीवनावश्यक अभिरंजन (Intervital staining) तथा अधिजीवनाश्यक अभिरंजन (Supervital staining) ।
- दूरदराज के क्षेत्र में रहनेवाले अनेक वनवासी बच्चों के लिए शाला में पढ़ने जाना , यह अभी भी स्वप्नवत है | विकास भारती के कार्यकर्ता इस क्षेत्र के नागरिकों को जीवनावश्यक प्राथमिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं | ..
- किराना व्यवसायी चंदन गोस्वामी ने बताया कि महंगाई का मुख्य स्रोत डिब्बा प्रवृत्ति को सरकार द्वारा जिस प्रकार बढ़ावा दिया गया है , असल में वह आम आदमी के लिए बेहद घातक साबित हुआ है, जिससे जीवनावश्यक वस्तुओं के दामों में अनाप-शनाप बढ़त हुई है।
- वे जीवनावश्यक चीजों की लगातार बढ़ती कीमतों के बोझ तले पिसते लोगों को यह बताते हुए हिचके भी नहीं कि सरकार कितने करोड़ लोगों को एक-दो और तीन रुपए की दर से अनाज देती है या कि मनरेगा में या कि मि-डे मील में कितनों को खाना खिलाया जाता है।
- आश्रम के भक्तजन बाल संस्कार केन्द्र चलाते हैं , संकीर्तन यात्राओं के द्वारा जनजागृति करते हैं , गरीबों में भंडारों के द्वारा उन्हें अनाज - कपडे तथा जीवनावश्यक वस्तुओं का वितरण करते हैं , युवाधन सुरक्षा अभियान चलाते हैं , विद्यार्थी उज्जवल भविष्य निर्माण शिबिरों का आयोजन करते हैं , व्यसनमुक्ति का यज्ञ चलाते हैं , मांसाहार का निषेध करते हैं
- अगर ऐसा संभव हो भी जाता है तो भी गांवों तथा शहरों में रोज़गारों में लगातार आती कमी , अनाज़ों तथा जीवनावश्यक वस्तुओं की क़ीमतों में अभूतपूर्व कृषि के कार्पोरेटीकरण तथा सरकारी अनदेखी से लगातार अलाभकारी होते जाने और नव साम्राज्यवादी नीतियों के चलते धन और आय के सीमित हाथों में सतत संकेन्द्रण के कारण लोगों की क्रयशक्ति में लगातार कमी आई है।