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जमापूँजी meaning in Hindi

pronunciation: [ jemaapuneji ]
जमापूँजी meaning in English

Examples

  1. सरकार ने इस दिशा में काम करते हुए पिछले एक दशक में जमा पूँजी पर ब्याज दरों को क्रमशः कम किया है , और वह दिन दूर नहीं जब आपकी जमापूँजी सुरक्षित रखने के लिये बैंके उलटे आपसे पैसा लेने लगेंगी।
  2. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमापूँजी पर बेशक , कोई ब्याज नहीं मिलना चाहिए और 10 करोड़ से ज्यादा की रकम पर तो बैंकों को ब्याज “ देने ” के बजाय ब्याज “ वसूलना ” चाहिए- पूँजी को “ सुरक्षित ” रखने के एवज में !
  3. “ ” सीधी-सी बात है जब नौकरी छूटी हुई है तो बची हुई जमापूँजी सहेजनी चाहिए कि जब तक दूसरी न लग जाए , मुँहताजी की नौबत न आने पाए लेकिन यहाँ तो साहब , हवाई जहाज़ से चले आ रहे हैं बेगाने मातम में अपनापा दिखाने के लिए।
  4. क्या सच में चींटी इसीलिये सुख भोग रही है कि उसने विपरीत समय में मेहनत करके जमापूँजी एकत्र की थी और टिड्डे ने उन दिनों मस्ती की थी ? क्या हमारे देश में आरक्षण पाने वाले सभी वर्ग पहले के समय में टिड्डे की तरह मस्ती में रहे हैं ?
  5. आम जनता की जमापूँजी लूटने के लिये भविष्य निधि से लेकर पेंशन , बैंक खाता , वेतन , बीमा तक शेयर बाजार के हवाले हैं , जहाँ सेबी बड़े खिलाड़ियों के मुनाफे के लिये हर वक्त मुस्तैद है तो रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियाँ भी कॉरपोरट हितों के मुताबिक तय होती हैं।
  6. छोटे प्रकाशकों के पास अपनी गौरवपूर्ण परम्परा को जीवित रखने की अदम्य इच्छा के बावजूद अपनी सामर्थ्य से अधिक कुछ नया करने की न सुविधा है न सामर्थ्य क्योंकि उपरोक्त या किसी भी प्रकार के व्यावसायिक धक्के ( C ommercial S etback ) मिलने पर तो वो अपनी छोटी सी जमापूँजी से भी हाथ बैठेंगे।
  7. गुलज़ार की कविता में प्रेम , विरह, उदासी, रिश्तों की गर्माहट, बचपन की यादें, खोयी हुई चीज़ों की तलाश और सब कुछ गँवा कर सामान्य बने रहने की फितरत इतनी सहजता, संवेदनशीलता और निस्संगता के साथ दर्ज़ हुई है कि जानकर हैरत होती है कि किस तरह कोई शायर इतनी सामान्य सी लगती जमापूँजी पर अपने सृजन का इतना बड़ा मायालोक रच सकता है.
  8. हमारी जमापूँजी में जमाखोरी नहीं है , कोयले की काली कमाई नहीं है , टू जी की चासनी नहीं है , और जब देश का आम भारतीय 20 से 30 रुपये प्रतिदिन में अपना गुजारा करता हो जबकि साग की कीमत 40 रुपये प्रति किलो हो तो आम भारतीय अपने आप को यतीम ही तो मानेगा और इस स्थिति में यतीमों की राजनीति बुरी भी तो नहीं है।
  9. क्या यह सही है ? क्या 1 हजार रुपये तक की जमापूँजी पर 15 प्रतिशत की दर से और 1 करोड़ रुपये तक की जमापूँजी पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज नहीं मिलना चाहिए ? इसी प्रकार , 10 हजार तक की बचत पर 12 प्रतिशत , 1 लाख तक की बचत पर 9 प्रतिशत और 10 लाख तक की बचत पर 6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलना चाहिए।
  10. क्या यह सही है ? क्या 1 हजार रुपये तक की जमापूँजी पर 15 प्रतिशत की दर से और 1 करोड़ रुपये तक की जमापूँजी पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज नहीं मिलना चाहिए ? इसी प्रकार , 10 हजार तक की बचत पर 12 प्रतिशत , 1 लाख तक की बचत पर 9 प्रतिशत और 10 लाख तक की बचत पर 6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलना चाहिए।
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