×

छिपे-छिपे meaning in Hindi

pronunciation: [ chhipe-chhip ]
छिपे-छिपे meaning in English

Examples

  1. बोलना , डोलना, भीड़, प्रशंसा, इलेक्ट्रानिक मीडिया की टी.आर.पी., अखबारों की सुर्ख़ियों में लगातार छपता आपका नाम एक स्तर के बाद आपको वियोगी बना देते है और आप आप अपनी ही व्यक्तित्व से डरे-सहमे, दबे-कुचले, छिपे-छिपे फिरते हुए कहते है, यार कोई देख ना ले, कोई सुन ना ले, अरे भई कहीं कोई छाप ना दे.
  2. मगर जब शेरसिंह ने उस तिलिस्मी तहखाने में जाकर डेरा डाला 1 और छिपे-छिपे कमला और कामिनी की मदद करने लगा तो उन्हीं दिनों उस तिलिस्मी तहखाने में जाकर भूतनाथ ने शेरसिंह से एक तौर पर ( बहुत दिनों तक गायब रहने के बाद ) नई मुलाकात की , मगर धर्मात्मा शेरसिंह को यह बात बहुत बुरी मालूम हु ई. .. ।
  3. पाठक समझते होंगे कि इस काली औरत या इंद्रजीतसिंह ने जो कुछ किया या कहा-सुना किसी को मालूम नहीं हुआ , मगर नहीं , वह भेद उसी वक्त खुल गया और काली औरत के काम में बाधा डालने वाला भी कोई पैदा हो गया बल्कि उसने उसी वक्त से छिपे-छिपे अपनी कार्रवाई भी शुरू कर दी जिसका हाल माधवी को मालूम न हो सका।
  4. या तन जहाम विरुद्ध प्रकृति के विवश किया जाता है सुख पाने को , क्षुधा नहीं केवल मन की लिप्सा से; जहाँ नहीं मिलते नर-नारी उस सहजाकर्षण से जैसे दो वीचियाँ अनामंत्रित आ मिल जाती हैं, पर, सुवर्ण की लोलुपता में छिपे-छिपे तस्कर से एक दूसरे का आकुल सन्धान किया करते हैं तन का क्या अपराध? यंत्र वह तो सुकुमार प्रकृति का; सीमित उसकी शक्ति और सीमित आवश्यकता है.
  5. वह बहुत ही धीरे-धीरे , अपने जी से भी छिपे-छिपे , कहने लगी , कामिनीमोहन , तुम क्यों इतने सुन्दर हो ? अब वह बहुत अनमनी हो गयी , जी न होने पर भी कहने लगी-कामिनीमोहन , क्या तुम सचमुच मेरे लिए मरने पर उतारू हो ? क्या सचमुच मेरे बिना तुम्हारा दिन कटता है तो रात नहीं , और रात कटती है तो दिन नहीं ? क्या सचमुच मेरे लिए तड़पते हो , और आँसू बहाते हो ? ये कैसी बातें हैं , मैं समझ नहीं सकती हूँ।
  6. काम-कृत्य वे सभी दुष्ट हैं , जिनके सम्पादन में मन-आत्माएँ नहीं , मात्र दो वपुस् मिला करते हैं ; या तन जहाम विरुद्ध प्रकृति के विवश किया जाता है सुख पाने को , क्षुधा नहीं केवल मन की लिप्सा से ; जहाँ नहीं मिलते नर-नारी उस सहजाकर्षण से जैसे दो वीचियाँ अनामंत्रित आ मिल जाती हैं , पर , सुवर्ण की लोलुपता में छिपे-छिपे तस्कर से एक दूसरे का आकुल सन्धान किया करते हैं तन का क्या अपराध ? यंत्र वह तो सुकुमार प्रकृति का ; सीमित उसकी शक्ति और सीमित आवश्यकता है .
  7. सभी चोर अलग कोनों में छिपे बुढ़िया की बातें सुन रहे थे और घबरा रहे थे कि वे कहीं पकड़े न जाएं | युवक , जो नया चोर था और पहली बार चोरी करने निकला था , इत्तेफाक से ऊपर छत के किनारे छिपा बैठा था | रमीना की बात सुन कर उसे यूं लगा कि बुढ़िया ने उसे देख लिया है तभी कह रही है कि ऊपर वाला जाने | वह ऊपर छिपे-छिपे ही जोर से बोला - “ मैं क्या जानूं , यह तो बाथरूम वाला जाने कि क्या हुआ | ”
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.