चेतनाहीन meaning in Hindi
pronunciation: [ chetenaahin ]
Examples
- जिसकी कोई पहचान ही नहीं है , उसे सुरक्षा कैसे दी जा सकती है और देगा भी कौन ? दी भी क्यों जानी चाहिए ? उपन्यास की नायिका इस ‘ चेतनाहीन चेतना ' के बारे में बताती है , ” तुमने देखा है , ये कितनी मूर्ख और कूप-मंडूक होती हैं।
- भय की संकरी गली नि : शब्द है यातना शिविरों से कूच कर गये हैं पूर्वज चेतनाहीन उदास पहाड़ पगडंडियां चुन रहे हैं अथाह मौन क्षितिज के घुटनों पर पनप रहा है पत्थरों की नसों में धधक रहा है प्रणय विरह की चारागाहों में चुपचाप उतर आया हूं मैं एकान्त के जलस्रोतों में बहकर।
- जैसे संप्रदाय विशेष के धार्मिक आयोजनों में चेतनाहीन होकर खुद को शरीरिक रूप से चोटिल करना , सामूहिक रूप से भूत/प्रेत/जिन्न अथवा देवी/देवता का आना (प्रेतबाधा), किशोरों/युवाओं का फ़िल्मी गानों अथवा कहानिओं के प्रभाव में सामूहिक आत्महत्याएँ करना, दक्षिण भारत के लोगों का अपने प्रिय नेता अथवा अभिनेता की मृत्यु के कारण श्रृंखलाबद्ध रूप से आत्महत्या करना.
- जैसे संप्रदाय विशेष के धार्मिक आयोजनों में चेतनाहीन होकर खुद को शरीरिक रूप से चोटिल करना , सामूहिक रूप से भूत/प्रेत/जिन्न अथवा देवी/देवता का आना (प्रेतबाधा), किशोरों/युवाओं का फ़िल्मी गानों अथवा कहानिओं के प्रभाव में सामूहिक आत्महत्याएँ करना, दक्षिण भारत के लोगों का अपने प्रिय नेता अथवा अभिनेता की मृत्यु के कारण श्रृंखलाबद्ध रूप से आत्महत्या करना.
- इसलिए इसमें भी चेतना और विचार से सहायता रूप कार्यकारी क्षमता मिलती रहती है , जिसके कारण यह स्वतः ही क्रियाशील आभासित होता रहता है परन्तु चेतनाहीन शक्ति ध्वनि और प्रकाश ( Sound and Light ) रूप में परिवर्तित होती रहती है और पुनः ध्वनि और प्रकाश की ही संयुक्त क्रिया से इलेक्ट्रान उत्पन्न होता रहता है।
- जब कफ से स्वर-नलियां रुक जाती हैं , आवागमन में कष्ट होता है , खांसी और श्वास के वेग के कारण उसके कंठ से घुर-घुर शब्द होने लगता है तब वह चेतनाहीन रहने के कारण चारपाई पर पड़ा हुआ सोचता है , और बंधु वर्ग से घिरा हुआ होने के कारण प्राणी मृत्यु के सन्निकट आता रहता है , बुलाने से भी नहीं बोलता है।
- जी-१ , १/२२, राजेंद्र नगर, सेक्टर-५, साहिबाबाद, उत्तर प्रदेश. मो.-९९७१५८६११८ एकांत -विक्रम मुसाफिर १. भय की संकरी गली नि:शब्द है यातना शिविरों से कूच कर गये हैं पूर्वज चेतनाहीन उदास पहाड़ पगडंडियां चुन रहे हैं अथाह मौन क्षितिज के घुटनों पर पनप रहा है पत्थरों की नसों में धधक रहा है प्रणय विरह की चारागाहों में चुपचाप उतर आया हूं मैं एकान्त के जलस्रोतों में बहकर।
- आत्मा ( Soul ) और शक्ति ( Power ) दोनों ही ज्योति मात्र ही होती हैं फिर भी ज्योति चेतनता ( Consciousness ) से युक्त होती है , वही आत्मा अथवा आत्म ज्योति अथवा दिव्य ज्योति ( Devine Light ) है , ठीक इसके विपरीत जो ज्योति चेतनाहीन ( Conscious less ) होती है मात्र वही शक्ति या विद्युत या ऊर्जा अथवा ज्योति ( Light ) मात्र ही है।