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चाँद-सूरज meaning in Hindi

pronunciation: [ chaaned-surej ]
चाँद-सूरज meaning in English

Examples

  1. तुम्हें मालूम हो बेटी मछली कि जेल पानी है पंछी की जेल हवा मिटटी की जेल धरती चाँद-सूरज की जेल आकाश गंगा हॉस्टल की ये कैद मेरी बच्ची ब्रह्माण्ड के रहस्य समझने में तुम्हारी मदद करेगी . ..
  2. डॉक्टरों से पूछें कि कब तक दवाइयाँ खानी हैं ? वे कहते हैं “ जब तक आप को चाँद-सूरज दिखता है तब तक ” अर्थात रोगों को नियंत्रित किया जाता है परंतु समाप्त नहीं किया जाता है।
  3. चाँद-सूरज भी कब भले लगते उनसे गर दूरियां नहीं होतीं वाह . ..नीरज जी क्या खूब है आपकी पसंद उसे जब चाहे मुठ्ठी में दबा लें मगर क्यूँ मान सूरज का घटायें मान गए साहब... वाक़ई बेहतरीन शायरी है.
  4. गायत्री माता मंदिर , सिद्धनाथ गौरी सोमनाथ, आड़े हनुमान, माता वैष्णोदेवी मंदिर, चाँद-सूरज दरवाजे, वीरखला, विष्णु मंदिर, ब्रह्मेश्वर मंदिर, सेगाँव के गजानन महाराज का मंदिर, काशी विश्वनाथ, नरसिंह टेकरी, कुबेरेश्वर महादेव, चन्द्रमोलेश्वर महादेव के मंदिर भी दर्शनीय हैं।
  5. घर , क़बीला, समाज, मज़हब और सिसायत भी हमारे चाँद-सूरज होते हैं, और इनको लगे ग्रहण के वक़्त जब किसी शायर, आशिक और दरवेश का जन्म होता है तो यह हकीकत है कि दर्द का मोती उसके मस्तक में पड़ जाता है...
  6. उस प्रेम ने सारी सृष्टि को , मय मजनूँ के , एक कर दिया था ! वह एक लैला का रूप था ! चाँद-सूरज , फूल-काँटे , ईट-पत्थर , यहाँ तक कि सृष्टि का जर्रा-जर्रा उसके लिए लैलामय हो गया था ! ''
  7. उस प्रेम ने सारी सृष्टि को , मय मजनूँ के , एक कर दिया था ! वह एक लैला का रूप था ! चाँद-सूरज , फूल-काँटे , ईट-पत्थर , यहाँ तक कि सृष्टि का जर्रा-जर्रा उसके लिए लैलामय हो गया था ! ''
  8. माँ आज भी थपके हे म्हारी नींदा ने थारी लोरी म्हने याद हे ममता की थारी झीणी झोरी फाटा पल्ला में ढाँकी ने अपणी भूख तरस माँ कस्तर उछेरया वेगा थें चाँद-सूरज टीप : झीणी:पतली कस्तर:किस तरह उछेरया:बडे़ किये होंगे ममता: म्हारा हिरदां में लाग्यो
  9. चाँद-सूरज पर राहू ग्रहण लगाता है तो कुछ देर बाद वे मुक्त हो जाते हैं पर बलात्कार का राहू यदि किसी नारी के जीवन पर ग्रहण लगा दे तो ऐसी लंबी काली अंधकारी त्रासद चादर उसे घेरती है , जिससे ता उम्र वह निकल नहीं पाती।
  10. इस नए जादू के बारे में उसे उस समय मालूम हुआ , जब उसकी एक मुस्कराहट पर निसार होकर रहीम ख़ाँ ने कसम खा ली थी कि , अगर चाँद-सूरज या तारे भी उसे उठा ले जाएँ तो वह धरती-आकाश के फैलाव फाँदकर उसे छीन लाएगा।
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