काव्य प्रेमी meaning in Hindi
pronunciation: [ kaavey peremi ]
Examples
- उन चंद नामवर शायरों में से एक जिनका नाम बहुत इज्ज़त से लिया जाता है शायर हैं हिंदी काव्य में अपनी मधुर गीतों के लिए प्रसिद्द श्री “बाल स्वरुप राही” साहब . ये ऐसी शख्शियत हैं जो किसी भी काव्य प्रेमी के लिए परिचय की मोहताज़ नहीं.
- हो सकता है , आकाशवाणी में ऐसी दायित्व भरी कुर्सी पर बैठने वाला हर अधिकारी रंगोली जी जैसा आलोचक व काव्य प्रेमी न हो , मगर सरकारी महकमे में ऐसे किस्से आज से 60 साल बाद भी मिलेंगे , ये मुझे पूरा विश्वास हो गया ....
- अपनी शायरी के करोड़ों मुरीदों के दिलों में , दुनिया के बेहतरीन गायकों की आवाज़ों में , अपनी लासानी शायरी की किताबों में हमेशा तरो ताज़ा रहने वाले आशार के फूलों में और रहती दुनिया तक हर काव्य प्रेमी के ज़ेह्नो - दिल में ज़िंदा रहेंगे फ़राज़ साहब .
- उन चंद नामवर शायरों में से एक जिनका नाम बहुत इज्ज़त से लिया जाता है शायर हैं हिंदी काव्य में अपनी मधुर गीतों के लिए प्रसिद्द श्री “ बाल स्वरुप राही ” साहब . ये ऐसी शख्शियत हैं जो किसी भी काव्य प्रेमी के लिए परिचय की मोहताज़ नहीं .
- न्यू जर्सी से आये ई-कविता याहूग्रुप के अनूप भार्गव ने अपनी छोटी छोटी रचनाओं से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया , कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा काव्य प्रेमी उमेश ताम्बी ने होली के प्रसंग में तथा बुनियादी और सामायिक विषयों पर हास्य व्यंग्य से जुड़ी अपनी रचनायें प्रस्तुत कीं।
- टोटका-कथन / काव्य प्रेमी रसिको , घर के ताले खुलते हैं तालियों से , जीजाओं के जी खुलते हैं सालियों से , दुश्मनों के कलेजे खुलते हैं दुनालियों से , गुण्डों का प्यार खुलता है आपस की आत्मीय गालियों से , उसी तरह कविसम्मेल का द्वार खुलता है-श्रोताओं की तालियों से।
- अब यदि हम किसी कारखाने का पूरे ब्यौरे के साथ वर्णन करें , उसमें मजदूर किस व्यवस्था के साथ क्या काम करते हैं ये सब बातें अच्छी तरह सामने रखें तो ऐसे वर्णन से किसी व्यवसायी का ही काम निकल सकता है , काव्य प्रेमी के हृदय पर कोई प्रभाव न होगा .
- अब यदि हम किसी कारखाने का पूरे ब्यौरे के साथ वर्णन करें , उसमें मजदूर किस व्यवस्था के साथ क्या काम करते हैं ये सब बातें अच्छी तरह सामने रखें तो ऐसे वर्णन से किसी व्यवसायी का ही काम निकल सकता है , काव्य प्रेमी के हृदय पर कोई प्रभाव न होगा .
- ऐसी कवितायें पढकर काव्य प्रेमी प्रफुल्लित होने के साथ ही जीवन की सच्चाई से रूबरू हो जाते हैं , उसे लगता है कि यह कविता उसी के लिए लिखी गई है , फरमाती हैं- किस्मत तो लिखी थी मेरी सोने की कलम से पर इसका क्या करें कि स्याही में ज़हर था .
- श्री प्रवीण शर्मा ने अपनी काव्यात्मक प्रतिभा से परिचित कराया और रितु नेगी ने होली के प्रसंग में रचना पढी कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा काव्य प्रेमी उमेश ताम्बी नें अपनी अपनी काव्य यात्रा की शुरुवात की , बुनियादी विषयों पर हास्य व्यंग से जुड़ी मौलिक रचनाओ और चुटकियों से हिन्दी प्रेमी श्रोताओं को अचंभित और भाव विभोर किया।