×

कालिका देवी meaning in Hindi

pronunciation: [ kaalikaa devi ]
कालिका देवी meaning in English

Examples

  1. लोगों को यह जानकर हैरत होगी कि देश में इटावा जिले के लखना कस्बा में स्थिति मां कालिका देवी मंदिर ऐसा एकमात्र मंदिर है जिसका पुजारी मंदिर निर्माण के समय से लेकर अब तक सिर्फ दलित ही होता है।
  2. लोगों को यह जानकर हैरत होगी कि देश में इटावा जिले के लखना कस्बा में स्थिति मां कालिका देवी मंदिर ऐसा एकमात्र मंदिर है जिसका पुजारी मंदिर निर्माण के समय से लेकर अब तक सिर्फ दलित ही होता है।
  3. वह मां कालिका देवी के दर्षन करने के लिए यमुना नदी के पार स्थित कंचेसी धार स्थित मंदिर जाया करते थे परंतु एक दिन यमुना का बहाव इस कदर तीव्र हुआ कि नियमित रूप से माता के दर्षन करने जाने वाले राजा जब उस दिन नहीं पहुंच सके तो उन्हें बेहद अफसोस हुआ।
  4. वह मां कालिका देवी के दर्शन करने के लिए यमुना नदी के पार स्थित कंचेसी धार स्थित मंदिर जाया करते थे परंतु एक दिन यमुना का बहाव इस कदर तीव्र हुआ कि नियमित रूप से माता के दर्षन करने जाने वाले राजा जब उस दिन नहीं पहुंच सके तो उन्हें बेहद अफसोस हुआ।
  5. वह मां कालिका देवी के दर्शन करने के लिए यमुना नदी के पार स्थित कंचेसी धार स्थित मंदिर जाया करते थे परंतु एक दिन यमुना का बहाव इस कदर तीव्र हुआ कि नियमित रूप से माता के दर्षन करने जाने वाले राजा जब उस दिन नहीं पहुंच सके तो उन्हें बेहद अफसोस हुआ।
  6. हे देवेशि ! यदि किसी निर्जन स्थान में , वन के बीच या किसी बिल्वादिवन में या किसी दुर्गम घने वन के बीच काली की कोई मूर्ति हो , तो ऐसे किसी स्थान में बैठकर शनिवार या मंगलवारयुक्त कृष्णाऽष्टमी या कृष्णा चतुर्दशी तिथि में महानिशाकाल में कालिका देवी की साधना करने से अति उत्तम सिद्धि प्राप्त होती है ।
  7. मंदिर निर्माण के साथ ही जब राजा जसवंत राव ने यह महसूस किया कि दलितों को समाज में सम्मान नहीं मिलता है और उन्हें हीन भावना का अहसास होता है , बस यही सोचकर उन्होंने एक नया इतिहास रचते हुए ऐलान कर दिया कि माता कालिका देवी के मंदिर का पुजारी दलित परिवार का ही होगा और छोटेलाल के पिताजी मंदिर के पहले दलित पुजारी बने।
  8. मंदिर निर्माण के साथ ही जब राजा जसवंत राव ने यह महसूस किया कि दलितों को समाज में सम्मान नहीं मिलता है और उन्हें हीन भावना का अहसास होता है , बस यही सोचकर उन्होंने एक नया इतिहास रचते हुए ऐलान कर दिया कि माता कालिका देवी के मंदिर का पुजारी दलित परिवार का ही होगा और छोटेलाल के पिताजी मंदिर के पहले दलित पुजारी बने।
  9. पर्री तालाब के पार में चबूतरे पर पत्थर का एक स्थापत्य खंड और त्रिशूल गड़ा है यहां अघोरी बाबा और कालिका देवी की स्थापना हैं , जाति और प्रयोजन-विशेष के ये देवता आमजन द्वारा पूजित नहीं हैं , किन्तु अन्य देवताओं की भांति होली , छेरछेरा , हरेली में इनकी पूजा बैगा करता है , दशहरा के दिन विशेसरी या विश्वेश्वरी देवी का ध्वज-स्तंभ यहां लाकर गाड़ा जाता है , ये देवता पूजा में होम , फूल , दूब के साथ शराब व बकरा भी लेते हैं।
  10. आज भी इस बरसों पुराने विवाद का एक सूत्रिय हल है वह यह कि पंवार राजवंश मौला कमाल के पहले भी स्थापित था तथा बाद में भी तब इस बात पर बेमतलब की बहस करने से क्या फायदा . ..... ! राजा भोज की इस पाठशाला को पंवार राजवंश की पैतृक सम्पति मान कर उसे राजवंश के उत्तराधिकारी युवराज डा . करण सिंह राजे को सौप कर उसमें लंदन से मां बाग्देवी की प्रतिमा को स्थापित करवा कर उसे मां कालिका देवी ट्रस्ट की तरह पंजीकृत करवा कर उसे सभी आम जनता के दर्शनार्थ के लिए सौप दी जायें .
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.