उद्बोधक meaning in Hindi
pronunciation: [ udebodhek ]
Examples
- जरथुस्त्र का महान योगदान यह है कि वह मनुष्य की मदद करते हैं चीजों को नये ढंग से देखने के लिए - सर्वथा नये , ताजे , और महान उद्बोधक ढंग से देखने के लिए ।
- बड़े पैमाने पर शुद्ध रूपवाद के आनंद का सम्मोहन , अहं केंद्रित चेतना की रहस्यात्मकता से लगाव, रूमानी मिथकों और कल्पित आख्यानों के बहकावों के साथ 'कला, कला के लिए' के उद्बोधक सौंदर्यशास्त्रिायों द्वारा अभिकल्पित गजदंती मीनारों का निर्माण होने लगा।
- आनंद कुमार ‘ गौरव ' , मुरादाबाद द्वारा प्रस्तुत आलेख गीत का प्रांजल रूप है नवगीत में कहा गया- ‘ भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ संगीतात्मकता एवं लयात्मक बोध के पारदर्शी उद्बोधक हैं , जहाँ सारा कुछ गेयता के सारतत्व से जुड़ा है।
- बड़े पैमाने पर शुद्ध रूपवाद के आनंद का सम्मोहन , अहं केन्द्रित चेतना की रहस्यात्मकता से लगाव , रूमानी मिथकों और कल्पित आख्यानों के बहकावों के साथ ‘ कला के लिए कला ' के उद्बोधक सौंदर्यशास्त्रियों द्वारा अभिकल्पित गजदंती मीनारों का निर्माण होने लगा।
- इंटरनैशनल म्युज़ियम ऑफ नैटिविटी ( International Museum of Nativity) की रचना यूनाइटेड नेशन्स एज्युकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइज़ेशन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) (यूनेस्को) (UNESCO) द्वारा “एक उद्बोधक वातावरण में उच्च कलात्मक गुणवत्ता” के कार्यों के प्रदर्शन के उद्देश्य से की गई थी.
- इसके अगले चरण के रूप में निश्चय किया गया कि राष्ट्र व विश्व के नवनिहालों , किशोरों , युवाओं एवं उनके अभिभावकों को वैज्ञानिक अध्यात्म जटिल दर्शन या दुरूह विज्ञान के रूप में नहीं , बल्कि प्रेरक , रोचक , उद्बोधक कथाओं के रूप में बताया जाय।
- इसके अगले चरण के रूप में निश्चय किया गया कि राष्ट्र व विश्व के नवनिहालों , किशोरों , युवाओं एवं उनके अभिभावकों को वैज्ञानिक अध्यात्म जटिल दर्शन या दुरूह विज्ञान के रूप में नहीं , बल्कि प्रेरक , रोचक , उद्बोधक कथाओं के रूप में बताया जाय।
- भगवद् दृष्टा युगपुरुष स्वामी विवेकानंद , आदिशंकराचार्य पं . महेश चंद्र भट्ट आध्यात्मिक और धार्मिक मूल्यों का अधोपतन तथा चारित्रिक और नैतिक सिद्धांतों का अवमूल्यन जब-जब होता है तब-तब महान दृष्टा , संत , समाजसुधारक , अध्यात्म के उद्बोधक संत पुरुष इस धरा पर आविर्भूत होते हैं और धर्म का अभ्युदय करते हैं।
- तेज अर्थात् अग्नि तत् व - यह भी रूप अर्थात् नेत्र से जाना जाने वाले गुण की बोधक शक्ति , वायु - अर्थात् स् पर्श ( छूने ) के विषय का उद्बोधक गुण , आकाश - अर्थात् यावत् दृश् य और अदृश् य वस् तु के हिलने चलने आदि की अवकाश दायक शक्ति , जिसे शब् द गुण कहते हैं।
- बड़े पैमाने पर शुद्ध रूपवाद के आनंद का सम्मोहन , अहं केन्द्रित चेतना की रहस्यात्मकता से लगाव, रूमानी मिथकों और कल्पित आख्यानों के बहकावों के साथ ‘कला के लिए कला' के उद्बोधक सौंदर्यशास्त्रियों द्वारा अभिकल्पित गजदंती मीनारों का निर्माण होने लगा।'' हिन्दी में भी नई कविता के दौर में यही सब दिखाई देता है और रूपवादी शिल्प और कला के लिए कला का नारा भी दिया गया था।