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उड़न-छू meaning in Hindi

pronunciation: [ uden-chhu ]
उड़न-छू meaning in English

Examples

  1. गांव पहुंचने पर चाची या काकी थाली में पानी रख कर पांव धोती थी और सारी थकान पल भर में उड़न-छू . अब तो बहुत कुछ बदल गया है .
  2. एक पुराने ‘ बैरी ' ने ट्रैंक्विलाइजर की गोली का नाम बताते हुए कहा था कि अगर कोई बीस गोली खा ले तो दो घंटे में दुनिया से उड़न-छू हो जाएगा।
  3. कोई नई बात कह कर दाम बढ़ाये जाते हैं , फिर दाम तो हमेशा के लिए बढ़े हुए रह जाते हैं और सुविधा चंद दिन बाद उड़न-छू हो जाती हैं .
  4. इसी तरह चंपत होने के लिए उड़न-छू होना , अफ़वाह के लिए उड़ती ख़बर, किसी के खात्मे के लिए उड़ाना या उड़ा देना, या हाथ साफ़ करने के अर्थ में उड़ाना जैसे शब्द-युग्म मुहावरों के तौर पर प्रचलित हैं।
  5. इसी तरह चंपत होने के लिए उड़न-छू होना , अफ़वाह के लिए उड़ती ख़बर , किसी के खात्मे के लिए उड़ाना या उड़ा देना , या हाथ साफ़ करने के अर्थ में उड़ाना जैसे शब्द-युग्म मुहावरों के तौर पर प्रचलित हैं।
  6. गए साल में पुलिस ने कीता खूब कमाल नए साल में चहक कर बतलाये डडवाल बतलाये डडवाल जुर्म का ' ग्राफ ' घटा है घटनाओं का जाल दीखता साफ कटा है दिव्यदृष्टि कथनी-करनी में लेकिन अन्तर तभी उड़न-छू हुए ' जंग-जू ' तीन भयंकर
  7. लेकिन आबिदा गाना शुरू करें उससे पहले सबा के झोंके की तरह गुलज़ार की महकती आवाज़ माहौल को ताज़ातरीन कर जाती है , इधर-उधर की सारी बातें फौरन हीं उड़न-छू हो जाती है और सुनने वाला कान को आले से उतारकर दिल के कागज़ पर पिन कर लेता है और सुनता रहता है दिल से..
  8. लेकिन आबिदा गाना शुरू करें उससे पहले सबा के झोंके की तरह गुलज़ार की महकती आवाज़ माहौल को ताज़ातरीन कर जाती है , इधर-उधर की सारी बातें फौरन हीं उड़न-छू हो जाती है और सुनने वाला कान को आले से उतारकर दिल के कागज़ पर पिन कर लेता है और सुनता रहता है दिल से ..
  9. अब , वहाँ इंद्रधनुष दीखा है लगता है- इंद्रधनुष का तकिया सरहाने रखकर बादलों का लिहाफ़ ओढ़ लूँ फिर दुनिया की तमाम तकलीफ़ों को उड़न-छू कर दूँ ! 0 (सभी कविताएँ ‘वाणी प्रकाशन' से प्रकाशित कविता संग्रह “बेशर्म के फूल ” से साभार) बनारस में जन्मी रेखा मैत्र ने एम ए (हिंदी) तक की शिक्षा सागर विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश से ग्रहण की।
  10. भूल गए जब अपने अमिताभ बच्चन भगवान की पूजा कर रहे थे ? जब ठाकरे भगवान जी की मूर्ति लगा रहे थे ? और जाने कितने भगवान बनाए होंगे ! तो इन तिवारी जी से क्यों जलते हैं ! एक तरफ भगवान-भगवान भी करते हो और जब भगवान के लिए कुछ करने की बारी आती है तो उड़न-छू हो जाते हो … तिस पर भी कोई भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ करे तो आपको हजम नहीं होता कि उसे मुझसे ज्यादा क्यों मिले , भगवान की कृपा क्यों मिले !
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