×

इत्तिफ़ाक़ meaning in Hindi

pronunciation: [ itetifak ]
इत्तिफ़ाक़ meaning in English

Examples

  1. लिहाज़ा इसके मद्देनज़र कि मक़तूल एक पण्डित था और क़दीम अदब का बहुत शौकीन था , यह बिला शक तस्लीम किया जा सकता था कि यह एक इत्तिफ़ाक़ ही है कि मक़तूल अपने क़त्ल के वक़्त यह किताब पढ़ रहा था;
  2. एक बार ऐसा इत्तिफ़ाक़ हुआ कि कुछ रोज़ वही न आई तो काफ़िरों ने तअने के तौर पर कहा कि मुहम्मद ( सल्लल्लाहो अलौहे वसल्लम ) को उनके रब ने छोङ दिया और मकरूह यानी बुरा जाना , इसपर यह सूरत उतरी .
  3. कैसा सुखद इत्तिफ़ाक़ है कि इसी महीने की दस तारीख़ को बनारस के दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन शाम को होनेवाली भव्य गंगा-आरती को देखने के लिए मैं एक नाव में मशहूर कवि असद जै़दी , उनकी जीवन-संगिनी नलिनी तनेजा और प्रसिद्ध कवि-मित्र व्योमेश शुक्ल के साथ था।
  4. दूसरे दिन जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को फिर ऐसा इत्तिफ़ाक़ पेश आया कि वह बनी इस्राईल जिसने एक दिन पहले उनसे मदद चाही थी , आज फिर एक फ़िरऔनी से लड़ रहा है और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को देखकर उनसे फ़रियाद करने लगा तब हज़रत … .
  5. कैसा सुखद इत्तिफ़ाक़ है कि इसी महीने की दस तारीख़ को बनारस के दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन शाम को होनेवाली भव्य गंगा-आरती को देखने के लिए मैं एक नाव में मशहूर कवि असद जै़दी , उनकी जीवन-संगिनी नलिनी तनेजा और प्रसिद्ध कवि-मित्र व्योमेश शुक्ल के साथ था।
  6. महज़ इत्तिफ़ाक़ नहीं कि मलयज ने लिखा था- ' ' बौने जीवन से बड़ी कविता पैदा नहीं हो सकती '' और गद्य की अपनी ताज़ा किताब '' कवि का अकेलापन '' में मंगलेश डबराल लिखते हैं- '' कवि को कविता के भीतर और बाहर एक साथ रहना होता है।
  7. महज़ इत्तिफ़ाक़ नहीं कि मलयज ने लिखा था-”बौने जीवन से बड़ी कविता पैदा नहीं हो सकती” और गद्य की अपनी ताज़ा किताब “कवि का अकेलापन” में मंगलेश डबराल लिखते हैं-”कवि को कविता के भीतर और बाहर एक साथ रहना होता है। . ..दो दुनियाओं में एक साथ उसके पैर हैं।
  8. “ हमारे देश में एक व्यक्ति पढ़ता कुछ और है , बनता कुछ और है , और बनना कुछ और चाहता है ” आपसे पूरी तरह इत्तिफ़ाक़ रखते हुए कहना चाहूँगा कि मानव-संसाधन के समुचित उपयोग कि दृष्टि अभी विकसित नहीं हुई है ' विश्वगुरु ' में ।
  9. महज़ इत्तिफ़ाक़ नहीं कि मलयज ने लिखा था-”बौने जीवन से बड़ी कविता पैदा नहीं हो सकती” और गद्य की अपनी ताज़ा किताब “कवि का अकेलापन” में मंगलेश डबराल लिखते हैं-”कवि को कविता के भीतर और बाहर एक साथ रहना होता है। . ..दो दुनियाओं में एक साथ उसके पैर हैं।
  10. क्या इस बात की सचमुच कोई व्याख्या की जा सकती है कि महज़ इत्तिफ़ाक़ से घटने वाली घटनाओं में तालमेल ( harmony ) की यह ख़ूबी कहां से आ गई , और इतने अजीबो-ग़रीब ढंग से लगातार विकास करने का रुझान उसमें कहां से पैदा हो गया ?
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.