आर्त्तनाद meaning in Hindi
pronunciation: [ aarettenaad ]
Examples
- हो शास्त्रों का झन-झन-निनाद , दन्तावल हों चिंग्घार रहे , रण को कराल घोषित करके हों समरशूर हुङकार रहे , कटते हों अगणित रुण्ड-मुण्ड, उठता होर आर्त्तनाद क्षण-क्षण , झनझना रही हों तलवारें; उडते हों तिग्म विशिख सन-सन .
- कोई कितना भी आर्त्तनाद करे , मॉँग-पर-मॉँग रखे , चाहे उस मॉँग के पूरा न होने पर मॉँगने वाले की ऐसी-की-तैसी हो जाये पर अपनी ही मस्ती में मस्त रहना कितना आसान , कितना सुहाना लगता है !
- हरिश्चंद्र ने उनकी रक्षा के निमित्त पग पढ़ाया तो उसके हृदय में विघ्नराज ( संपूर्ण कार्यों में बाधा स्वरूप ) ने प्रवेश किया , क्योंकि वह आर्त्तनाद उन विधाओं का ही था , जिनका विश्वामित्र अध्ययन करते थे।
- सलाख़ों को हम गुलबदन देखते हैं , नवा-ए-बलाबिल सुख़न देखते हैं, ख़यालात-ए-पैहम की ये ख़ुशख़रामी?कफस में फ़ज़ा-ए-चमन देखते हैं.- हर्ष( गुलबदन - फूलों जैसी नर्म, बलाबिल - बुलबुल का बहुवचन, नवा-ए-बलाबिल - पिंजरे में बंद पक्षियों का आर्त्तनाद, सुख़न - काव्य,
- सलाख़ों को हम गुलबदन देखते हैं , नवा-ए-बलाबिल सुख़न देखते हैं, ख़यालात-ए-पैहम की ये ख़ुशख़रामी?कफस में फ़ज़ा-ए-चमन देखते हैं.- हर्ष( गुलबदन - फूलों जैसी नर्म, बलाबिल - बुलबुल का बहुवचन, नवा-ए-बलाबिल - पिंजरे में बंद पक्षियों का आर्त्तनाद, सुख़न - काव्य,...
- जय श्री राधे लैंगिकों-समलैंगिकों की अंधी हवस में बम-विस्फोट से काँपती दिशाओं की तरह भयातुर गिरती-पड़ती , बिलखती , चीखती-चिल्लाती , गुहार लगा रहीं हैं दामिनियाँ , गुड़ियाएँ बहन-बेटी के उसी आर्त्तनाद में | आदरनीय संतलाल जी … जबरदस्त ..
- इस लोक में विन्यस्त हैं - धूल-धक्कड़ भरी आँधियाँ , दहला देनेवाले आर्त्तनाद , टीसनेवाले करुण विलाप , चंदनलेप जैसी शीतलता वाला नेह-छोह , लहराती हुई हज़ारों जामुनी भुजाओं का विश्वास , सोहर के पद , फगुआ और पूरबी के बोल आदि।
- उपर्युक्त श्लोक में सीता का यह आर्त्तनाद समाहित है जिसमें सीता माता ने कहा है कि मन से कभी राम के सिवाय अगर मैनें किसी दूसरे पुरुष का चिंतन नहीं किया तो हे धरती मैया तुम अपनी गोद में मुझे स्थान देना।
- घर के सामने देवी-मंदिर में प्रत्येक वर्ष श्रावण पूर्णिमा और नवमी के दिन दी जाने वाली बलि और पशुओं के आर्त्तनाद को सुनकर ही शायद मेरे अंदर शाकाहार के प्रति झुकाव पैदा हुआ और समय के साथ दृढ होती गयी यह धारणा .
- पहाड़ की नग्न काया पर पतझड़ का संगीत बज रहा है पहाड़ी लड़कियाँ कोई विरह-गीत गुनगुना रही हैं गीत में पहाड़ का दुःख समा रहा है लाज से सिकुड़ी नदी सिसक रही है पहाड़ी जंगल तोड़ रहे हैं पहाड़ का मौन अपने आर्त्तनाद से