आन्तरिक शक्ति meaning in Hindi
pronunciation: [ aanetrik shekti ]
Examples
- लड़की स्वयं को अंडे की जगह रखकर सोचती है कि यदि मैं गाजर जैसे व्यवहार करूंगी तो मुसीबतों का सामना करते ही एक दिन अत्यंत कमजोर हो जाउंगी और अपनी आन्तरिक शक्ति गवां बैठूंगी .
- सहजयोग- ( सह + ज = हमारे साथ जन्मा हुआ ) जिसमें हमारी आन्तरिक शक्ति अर्थात कुण्डलिनी जागृत होती है , कुण्डलिनी तथा सात ऊर्जा केन्द्र जिन्हैं चक्र कहते हैं , जो कि हमारे अन्दर जन्मसे ही विद्यमान हैं।
- कभी विवेकानन्द जैसे व्यक्तित्व ने युवा कर्मठता का ज्ञान दिया तो सन् 1977 में लोकनायक के आहृान पर सारे देश के युवा एक होकर सड़कांे पर निकल आये पर आज वही युवा अपनी आन्तरिक शक्ति को भूलकर चन्द लोगों के हाथों का खिलौना बन गये हंै।
- कभी विवेकानन्द जैसे व्यक्तित्व ने युवा कर्मठता का ज्ञान दिया तो सन् 1977 में लोकनायक के आहृान पर सारे देश के युवा एक होकर सड़कांे पर निकल आये पर आज वही युवा अपनी आन्तरिक शक्ति को भूलकर चन्द लोगों के हाथों का खिलौना बन गये हंै।
- किन्तु सब शिक्षा पाकर , सब कृत्रिम योग्यताएँ प्राप्त करके उस आन्तरिक शक्ति से हीन व्यक्ति उतना ही क्रान्तिकारी हो सकता है , जितना कि सब अलंकारों से अलंकृत , किन्तु प्रतिभा ( inspiration ) से ही चित्र एक कला की वस्तु हो सकता है ... ।
- मन्त्र विज्ञान : गायत्री उपासना के मूल् मे निहित् वैज्ञानिक सत्य आस्था चिकित्सा अंध विश्वास नहीं, एक वैज्ञानिक तथ्य धर्म न तो अवैज्ञानिक है और न अनुपयोगी-स्वामी विवेकानन्द हिन्दू धर्म की आन्तरिक शक्ति, उसकी वैज्ञानिकता आत्म कल्याण का वैज्ञानिक मार्ग यज्ञ की उपयोगिता का वैज्ञानिक आधार सवितुः शब्द का वैज्ञानिक विवेचन
- कविता व पाठक का सम्बन्ध , पठनीयता, साधारणीकरण, मुक्त छंद, शिल्प के स्तर पर रचनाकार की निजता, काव्यशिल्प, लोक, काव्यप्रेरणा, निरन्तरता, तुक अन्तर्विरोध, सामासिकता, अर्थगाम्भीर्य, आलोचना की उपादेयता, कविता की आन्तरिक शक्ति, साहित्य में सत्य की प्रतिष्ठा, स्वाभावोक्ति, जनवादी प्रतिबद्धता, काव्यऊर्जा, सौन्दर्यबोध, समकालीनता का छद्म आदि जैसे शताधिक प्रश्नों पर गद्य में केदार के विमर्श को सामने रखा.
- तमाम महान माताओं ने महान वीर पुत्रों को जन्म दिया है , जैसे शिवाजी , विवेकानन्द आदि ! स्त्री शुद्धता , उदात्तता और आन्तरिक शक्ति का प्रतीक है ( बर्दाश्त करने की ?! ) ! बच्चों को बचपन से आज्ञाकारिता ( सही होने की परिभाषाः जो आयु , पद या योग्यता में वरिष्ठ कहता है वही सही है ! ) , अनुशासन , शरीर-निर्माण , देशभक्ति , संस्कार , और हिन्दू संस्कृति में प्रशिक्षित किया जाता है।
- कविता व पाठक का सम्बन्ध , पठनीयता , साधारणीकरण , मुक्त छंद , शिल्प के स्तर पर रचनाकार की निजता , काव्यशिल्प , लोक , काव्यप्रेरणा , निरन्तरता , तुक अन्तर्विरोध , सामासिकता , अर्थगाम्भीर्य , आलोचना की उपादेयता , कविता की आन्तरिक शक्ति , साहित्य में सत्य की प्रतिष्ठा , स्वाभावोक्ति , जनवादी प्रतिबद्धता , काव्यऊर्जा , सौन्दर्यबोध , समकालीनता का छद्म आदि जैसे शताधिक प्रश्नों पर गद्य में केदार के विमर्श को सामने रखा .
- मेरी माँ जोकि आध्यत्मिक प्रवृत्ति की हैं तथा उनकी प्रभु में अटूट आस्था व विश्वास है I उनके विचारानुसार वह स्वयं को कभी भी अकेला महसूस नहीं करती I उनका कहना है कि एक आन्तरिक शक्ति हमेशा ही उनका पथ - प्रदर्शन करती है और उसी आत्मिक शक्ति के बल पर उन्होंने इस असहनीय दुख को भगवान की यही मर्जी है सोचकर सहन कर लिया I जहाँ मुझे अपनी माँ का सम्बल बनकर उनको साँत्वना देनी चाहिए थी वहाँ मेरी माँ ने मुझे निराशा के अन्धकारमयी गर्त से उबारा I